आयुक्त स्वास्थ्य फैज अहमद किदवई ने कोविड-19 अभियान में तैनात स्वास्थ्यकर्मियों को पीपीई किट्स का तर्क संगत उपयोग करने के लिये दिशा-निर्देश जारी किये हैं। प्रदेश के सभी क्षेत्रीय संचालक, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, सिविल सर्जन और शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय के अधिष्ठाताओं से कहा गया है कि पीपीई किट्स और एन-95 मास्क आदि की सीमित उपलब्धता और आपूर्ति के चलते इसका न्यायोचित और तर्क संगत उपयोग किया जाए।
स्वास्थ्य अमले को पीपीई किट्स के उपयोग के दौरान सावधानी बरतने के लिये कहा गया है। निर्देश दिये गये हैं कि किट का उपयोग करने के बावजूद हाथ धोना, खांसते-छीकते समय मुँह ढक कर रखने जैसी सावधानी का पालन किया जाये। जहां तक संभव हो, कोविड-19 संक्रमित व्यक्ति और संभावित संक्रमित व्यक्ति से एक मीटर की दूरी बनाए रखें। निर्देश में बताया गया है कि किट के निष्पादन के लिये इंन्फेक्शन प्रिवेंशन प्रोटोकॉल गाइडलाइन का पालन किया जाए, जो लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय नई दिल्ली की वेबसाइट पर उपलब्ध है।
कोविड-19 संक्रमण के बायोमेडिकल वेस्ट के संग्रहण, परिवहन और डिस्पोजल की व्यवस्था
मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड कोविड-19 संक्रमण से उत्पन्न बायोमेडिकल बेस्ट के संग्रहण, परिवहन और डिस्पोजल की पुख्ता व्यवस्था की है। पिछले 9 दिन में भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर शहर में 2285 किलोग्राम बायोमेडिकल बेस्ट का डिस्पोजल किया गया। अपशिष्टों को इकट्ठा करने के लिये इन शहरों में दो-दो डेडिकेटड वाहन काम कर रहे हैं। बोर्ड के सदस्य सचिव आर.एस कोरी ने बताया कि चिकित्सा संस्थानों से उत्पन्न होने वाले अपशिष्टों के पर्यावरण अनूकूलन प्रबंधन के लिये जैव चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन नियम 2016 प्रभावशील है। इसके अंतर्गत प्रदेश में गाइडलाइन के अनुसार 12 कॉमन फेसीलिटीज और गाँधी मेडिकल कॉलेज रीवा तथा पीपुल्स कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंस एण्ड रिसर्च सेंटर में एक-एक केप्टिव फेसीलिटीज पूर्व से स्थापित है। इनके द्वारा निरंतर अपशिष्टों को एकत्रित किया जा रहा है।