भोपाल. मध्य प्रदेश की सत्ता से बेदखल किए जाने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ रविवार को मीडिया से रूबरू हुए. कमलनाथ ने दावा किया कि प्रदेश में होने वाले उपचुनाव में कांग्रेस को 20 से 22 सीटें मिलेंगी. कमलनाथ ने इस बात का भी दावा किया कि उपचुनाव के बाद यहां बीजेपी सरकार सत्ता में नहीं रहेगी. पूर्व मुख्यमंत्री ने रविवार को बीजेपी के उन तमाम आरोपों का भी जवाब दिया जिसके जरिए बीजेपी उनकी सरकार जब सत्ता में थी, उसको घेरने का काम कर रही थी. कमलनाथ ने कहा, ‘कोविड-19 से निपटने के लिए तत्कालीन सरकार ने कई बड़े कदम उठाए थे और यदि सरकार नहीं जाती तो कोरोना नियंत्रण को लेकर हम दूसरे प्रदेशों से आगे होते.’
उन्होंने कहा कि तत्कालीन सरकार ने कोरोनावायरस (COVID-19) के चलते आईफा अवार्ड को स्थगित करने का फैसला लिया था. साथ ही प्रदेश में टेस्टिंग की व्यवस्था को बढ़ाने के लिए टेस्ट लैब को चिन्हित किया गया था. मेरे मुख्यमंत्री रहते हुए मुख्य सचिव और कलेक्टरों को जरूरी दिशा-निर्देश जारी किए गए थे. कमलनाथ ने बीजेपी सरकार के कोरोना नियंत्रण के प्रयासों को नाकाफी बताते हुए जोरदार हमला बोला. उन्होंने अपनी सरकार के समय लिए गए किसान कर्ज माफी के फैसले को जारी रखने और एक जून से छह लाख किसानों का कर्ज माफ करने की मांग की. कमलनाथ ने निमाड़ और मालवा में सब्जी पैदा करने वाले किसानों के संकट पर उनकी मदद की जरूरत बताई.
24 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव की चुनौती
कमलनाथ ने राज्य की बीजेपी सरकार से कर्मचारियों को 17 फीसदी डीए देने के फैसले को तत्काल अमल में लाने की मांग की. उन्होने कहा कि पीसीसी चीफ और नेता प्रतिपक्ष का फैसला पार्टी हाईकमान करेगी. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि उन्होंने लोकसभा चुनाव 2019 में पार्टी की हार के बाद पीसीसी चीफ के पद से इस्तीफा दिया था. नए पीसीसी चीफ का फैसला और नेता प्रतिपक्ष के नाम का ऐलान पार्टी को करना है.
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि फिलहाल कांग्रेस के सामने 24 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव की चुनौती है. पूर्व विधायकों के पाला बदलने पर उन्होंने कहा कि वो नेताओं की महत्वाकांक्षा का अंदाजा नहीं लगा पाए.
साभार – न्यूज़18