News By – नीरज बरमेचा
www.newsindia365.com रतलाम में कोरोना के मरीजो का बड़ना और कोरोना के कारण मृत्यु की संख्या में इजाफ़ा होना, प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बन चूका है| इसी के समाधान के लिए रतलाम जिला कलेक्टर रुचिका चौहान ने रेमडेसीविर (Remdesivir) इंजेक्शन का इन्तेजाम किया| यह इंजेक्शन कोरोना पॉजिटिव चल रहे गंभीर मरीजो (माइल्ड तो मोडरेट) के लिए कारगर साबित हो सकती है|
कल रात में रतलाम मेडिकल कॉलेज के कुछ चिकित्सको ने कोरोना पॉजिटिव चल रहे गंभीर मरीजो को यह इंजेक्शन दिया गया है| मेट्रो शहर में जैसे इंदौर, दिल्ली, मुंबई में अनेक हॉस्पिटल में यह रेमडेसीविर (Remdesivir) इंजेक्शन मील का पत्थर साबित हुआ है| उसी को देखते हुए जिला कलेक्टर रुचिका चौहान एवं मेडिकल कॉलेज डीन डॉ. संजय दीक्षित ने तुरंत इसे रतलाम में उपलब्ध कराया|
डीन के अनुसार जिन मरीजो का ऑक्सीजन सेचुरेशन 90-94% होता है उन्हें ही यह इंजेक्शन दिया जाता है| इसके लिए मेडिकल कॉलेज ने एक कमिटी बनायीं है जो तय करेंगी की यह इंजेक्शन किसे लगाना है और किसे नहीं| कल रात को 2 मरीजो को यह दिया गया है| मेडिकल कॉलेज की कमिटी में डॉ. महेंद्र चौहान, डॉ. संजय दुबे, डॉ. दीपक नागर एवं डॉ. शैलेन्द्र डावर है|
भारत में हेट्रो (Hetro) कंपनी में कोविफोर (COVIFOR) के नाम से इसे लांच किया गया है| CIPLA ने भी इसे लांच किया है| आज की तारीख में सभी जगह इसकी ब्लैक मार्केटिंग हो रही है| इसका बाज़ार मूल्य रु. 5000 से 6000 के बीच होता है| किन्तु मेट्रो में यह ब्लैक में रु. 10000 से लेकर रु. 25000 तक मिल रहा है| ऐसे में रतलाम में इसकी उपलब्धता होना रतलामवासिओ के लिये एक सुखद खबर से कम नहीं|
- जानिए आखिर क्या है रेमडेसीविर (Remdesivir) इंजेक्शन?
- कोरोना से जंग में कारगर है रेमडेसिवियर?
- जानें क्या है और कैसे क्लिनिकल ट्रायल में संजीवनी साबित हो रही यह दवा?
कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में एंटी वायरल दवा रेमडेसिवियर को लेकर अब तक जो परिणाम सामने आए हैं, वह संकट के इस दौर से गुजर रहे दुनिया के लिए राहत की खबर है। कोविड-19 के इलाज के लिए लगातार चिकित्सकीय परीक्षण जारी हैं, मगर इस बीच रेमडेसिवियर के क्लिनिकल ट्रायल के तीसरे फेज में सकारात्मक परिणाम सामने आने के बाद दुनिया की निगाहें अब इस दवा पर टिक गई हैं। कोरोना वायरस के मरीजों में रेमडेसिवियर के इस्तेमाल से तेजी से रिकवरी देखने को मिल रही है। इतना ही नहीं, अमेरिका ने इस दवा के आपात इस्तेमाल की इजाजत भी दे दी है।
पूरी तरह सफल तो मिल जाएगी संजीवनी
रेमडेसिवियर के क्लिनिकल ट्रायल के मुताबिक, इस दवा ने रोगियों के सुधार समय (इम्प्रूवमेंट टाइम) को 5 दिन कम कर दिया है। यानी रिकवरी 5 दिन कम में ही होने लगती है। अमेरिका में कोविड-19 के लिए इस दवा का ट्रायल जीलेड नाम की कंपनी कर रही है। माना जा रहा है कि अगर ट्रायल पूरी तरह से सफल हुआ तो इससे दुनिया को एक तरह से संजीवनी मिल जाएगी।
इबोला के इलाज के लिए बनाया गया था
दरअसल, रेमडेसिवियर एक एंटी वायरल दवा है, जिसे इबोला के इलाज के लिए बनाया गया था। इसे अमेरिकी फार्मास्युटिकल गिलियड साइंसेज द्वारा बनाया गया है। इसी साल फरवरी में यूएस नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इंफेक्शस डिसीज ने घोषणा की कि वह कोविड-19 के खिलाफ जांच के लिए रिमेडिसवायर का ट्रायल कर रहा है। बता दें कि इसी दवा ने सार्स और मर्स जैसे वायरस के खिलाफ एनिमल टेस्टिंग में बेहतर परिणाम दिए थे।
ट्रायल में क्या निकला
इस ट्रायल में करीब 1000 कोरोना मरीजों को शामिल किया गया था। इन मरीजों को दो समूह में बांटकर रेमेडिसविर और प्लेसिबो दी गई। जब इन पर ट्रायल हुआ तो रिमेडिसवायर वाले कोविड-29 मरीज प्लेसीबो की तुलना में जल्दी से ठीक हो गए। रिमेडिसवायर का जिन मरीजों पर इस्तेमाल हुआ था, उनकी रिकवरी 31 फीसदी तेजी से हुई। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इंफेक्शस डिसीज के निदेशक एंथोनी फॉसी ने कहा कि 100 प्रतिशत के मुकाबले 31 फीसदी सुधार कुछ भी नहीं, मगर यह बहुत अहम है। इससे साबित होता है कि दवाएं इस वायरस को रोक सकती है।
50 फीसदी मरीजों की हालत में सुधार
कैलीफोर्निया स्थित दवा कंपनी गिलीड साइंसेज ने बुधवार (29 अप्रैल) को कहा कि प्रारंभिक परिणामों से पता चला कि ‘रेम्डेसिविर’ दवा की पांच दिन की खुराक के बाद कोविड-19 के मरीजों में से 50 प्रतिशत की हालत में सुधार हुआ और उनमें से आधे से अधिक को दो सप्ताह के भीतर छुट्टी दे दी गई। तीसरे चरण के परीक्षण को दवा को स्वीकृति मिलने की प्रक्रिया में अंतिम कदम कहा जाता है।
इस दवा से रिकवरी रेट बेहतर
स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन में मेडिसिन के क्लिनिकल प्रोफेसर एवं अध्ययन में शामिल अग्रणी अनुसंधानकर्ताओं में से एक अरुणा सुब्रह्मण्यन ने कहा, ”ये परिणाम उत्साहजनक हैं और संकेत करते हैं कि जिन मरीजों ने ‘रेम्डेसिविर’ दवा का पांच दिन तक सेवन किया, उनकी हालत में 10 दिन तक दवा का सेवन करने वालों की तरह ही सुधार हुआ।” सुब्रह्मण्यन ने कहा, ”अतिरिक्त परिणामों की आवश्यकता है, ये परिणाम यह समझने में स्पष्ट मदद करते हैं कि ‘रेम्डेसिविर’ से किस तरह इलाज किया जा सकता है, यदि यह सुरक्षित और प्रभावी साबित होती है।”
अमेरिका ने आपात इस्तेमाल की अनुमति दी
इस बीच अमेरिका के खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) ने कोरोना वायरस (कोविड-19) के मरीजों का उपचार के दौरान आपातकालीन स्थिति में रेमडेसिविर दवा का उपयोग करने की स्वीकृति प्रदान कर दी है। एफडीए प्रमुख स्टेफन हान ने शुक्रवार को इसकी घोषणा की। उन्होंने व्हाइट हाउस में एक कार्यक्रम के दौरान कहा, ‘हमने गुलीड (एक दवा कंपनी) को अस्पताल में भर्ती मरीजों के आपातकालीन उपयोग हेतु रेमडेसिविर की आपर्ति के लिए के आवेदन दाखिल करने के लिए अधिकृत किया है।’