कलेक्टर डाड ने वनाधिकार अधिनियम के तहत लंबित कार्य की समीक्षा की…

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News by- नीरज बरमेचा 

  • वनाधिकार अधिनियम के तहत पात्र व्यक्तियों को समयसीमा में अधिकार पत्र उपलब्ध कराना है
  • मण्डल संयोजक पूरे समय सैलाना में निवास कर लंबित कार्य पूर्ण करेंगे

रतलाम 25 अगस्त 2020/ वनाधिकार अधिनियम के तहत पात्र भूधारकों को समयसीमा में अधिकार पत्र उपलब्ध कराए जाना है। चूंकि जिले में 90 प्रतिशत से अधिक हक प्रमाण पत्र सैलाना क्षेत्र में प्रदाय किए जाना है। अतः जनजातीय कार्यविभाग के मण्डल संयोजक राजेन्द्र मिस्त्री, कार्यपूर्णता तक सैलाना में पूरे समय निवास करते हुए लंबित कार्य निपटाएंगे। यह निर्देश कलेक्टर गोपालचन्द्र डाड ने मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में अधिनियम के तहत लंबित कार्य की समीक्षा करते हुए दिए। इस दौरान जिला पंचायत सीईओ  संदीप केरकेट्टा, जिला वन मण्डलाधिकारी वासु कनौजिया, सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य आर.एस. परिहार उपस्थित थे।

कलेक्ट डाड ने निर्देश दिए कि अधिनियम के तहत प्राप्त दावों के निपटारे हेतु सैलाना एसडीएम प्रतिदिन बैठक आयोजित कर समीक्षा करें। सहायक आयुक्त मण्डल संयोजक के साथ सैलाना में पूरी टीम लगाकर दावों के निराकरण करवाएंगे। वन ग्राम समिति स्तर पर कार्य की अपडेट स्थिति से एसडीएम सैलाना कलेक्टर को प्रतिदिन अवगत कराएंगी। जनपद बाजना तथा सैलाना के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को दावों के निपटारे हेतु पूरी मेहनत के साथ कार्य करने के निर्देश दिए गए। कलेक्टर ने कहा कि वनाधिकार अधिनियम में पात्र व्यक्तियों को हक प्रमाण पत्र उपलब्ध कराना राज्य शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि प्रदेश के मुख्य सचिव भी प्रतिदिन अधिनियम के तहत कार्य की समीक्षा कर रहे हैं।

कलेक्टर ने कार्य की गति बढ़ाने के लिए निर्देशित किया। ज्यादा से ज्यादा दावों का निपटारा एसडीएम स्तर पर करते हुए जिला स्तरीय समिति को प्रकरण भेजने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने निर्देश दिए कि जिस वन भूमि पर आदिवासी व्यक्ति द्वारा दावा किया गया है वहां वनों की स्थिति क्लीयर नहीं होने पर सेटेलाइट इमेज के आधार पर दावा स्वीकृत किया जाए। एसडीएम तत्काल उन गांवों में ग्रामसभा आयोजित करें जहां दावे पर ग्रामसभा के अनुमोदन की आवश्यकता है।

सहायक आयुक्त द्वारा वनाधिकार अधिनियम के तहत जिले में की गई कार्रवाई के अपडेट बैठक में दिए गए। उल्लेखनीय है कि वनाधिकार अधिनियम में पूर्व में की गई कार्रवाई के दौरान जिन दावों को खारिज किया गया था, राज्य शासन के निर्देशानुसार खारिज दावों पर पुनः विचार करके पात्र व्यक्तियों को अधिकार पत्र उपलब्ध कराए जाना हैं। इसके लिए उक्त दावों के सत्यापन ग्राम वन समितियों द्वारा किए जाकर अनुविभाग स्तरीय समिति एवं जिला स्तरीय समिति द्वारा अनुमोदन पश्चात दावेदार को अधिकार पत्र प्रदान किया जाएगा।