अवयस्‍क बालिका के साथ दुष्‍कर्म करने वाले आरोपी की जमानत निरस्‍त

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News by-विवेक चौधरी 

अभियोजन मीडिया सेल प्रभारी शिव मनावरें ने बताया कि माननीय विशेष न्‍यायालय पॉक्‍सो एक्‍ट रतलाम (तरूण सिंह) द्वारा आरोपी सुनिल पिता बाबुलाल भुरिया उम्र 20 वर्ष नि. ग्राम जामथुन थाना औ.क्षै. रतलाम का जमानत आवेदन पत्र निरस्‍त किया गया।

विशेष लोक अभियोजक (पाक्‍सो एक्‍ट) गौतम परमार ने बताया कि दिनांक 07.07.2020 को अवयस्‍क अभियोक्‍त्री अपनी माता के साथ महिला थाना रतलाम पर उपस्थित होकर घटना बतायी कि वह सुनिल पिता बाबुलाल भुरिया को विगत दो वर्षो से जानती है, परीक्षा की तैयारी के लिए अभियोक्‍त्री ने दिनांक 01.01.2020 को रतलाम में किराया से कमरा लिया था, उसी दिन आरोपी सुनिल भी उसी कमरे में रहने के लिए आ गया था। आरोपी सुनिल ने अवयस्‍क अभियोक्‍त्री को शादी करने का झांसा देकर उसकी इच्‍छा के विरूद्ध कई बार उसके साथ दुष्‍कर्म किया। लॉकडाउन के कारण दिनांक 09.04.2020 को रतलाम से अभियोक्‍त्री व आरोपी सुनिल अपने-अपने घर चले गये थे। इसके पश्‍चात् आरोपी सुनिल ने अभियोक्‍त्री से शादी करने का मना कर दिया और अभियोक्‍त्री को धमकी दी कि अगर किसी को यह घटना बतायी तो तुझे व तेरे घर वालो को जान से खत्‍म कर दॅूगा। इसी डर के कारण अभियोक्‍त्री ने पुलिस रिपोर्ट नही की, लेकिन आरोपी की धमकीयों से परेशान होकर अभियोक्‍त्री अपनी मॉ के साथ दिनांक 07.07.2020 को महिला थाना रतलाम पर उपस्थित होकर घटना बताई।

महिला थाना रतलाम पर अवयस्‍क अभियोक्‍त्री द्वारा बतायी घटना पर से आरोपी के विरूद्ध प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान दिनांक 08.07.2020 को आरोपी सुनिल पिता बाबुलाल को गिरफ्तार कर आवश्‍यक कार्यवाही उपरांत उसी दिन माननीय न्‍यायालय में प्रस्‍तुत किया जो माननीय न्‍यायालय द्वारा आरोपी का जेल वारंट जारी कर आरोपी को उपजेल सैलाना दाखिल करवाया गया। अनुसंधान उपरांत अभियोग पत्र आरोपी के विरूद्ध दुष्‍कर्म व पॉक्‍सो एक्‍ट की धाराओ में दिनांक 11.09.2020 को माननीय विशेष न्‍यायालय में प्रस्‍तुत किया गया।

आरोपी सुनिल की ओर से उनके अधिवक्‍ता द्वारा जमानत आवेदन पेश करने पर दिनांक 16.09.2020 को माननीय विशेष न्‍यायालय में सुनवायी हुई जिसमें अभियोजन की ओर से विशेष लोक अभियोजक गौतम परमार द्वारा जमानत आवेदन पत्र का विरोध कर तर्क प्रस्तुत किये गये। माननीय विशेष न्‍यायालय द्वारा अभियोजन के तर्को व अवयस्‍क बालिकाओ के साथ दुष्‍कर्म एवं लैंगिक हमलो की बढती हुई घटनाओ तथा प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए अभियुक्‍त को जमानत पर छोडा जाना उचित नही मानते हुए जमानत आवेदन निरस्‍त किया गया।