हाईवे पर गोली चलाकर हमला करने के मामले में सामने आया नया एंगल, जानिए पुलिस का खुलासा….

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News By – विवेक चौधरी 

  • थाना बिलपांक अंतर्गत प्राण घातक हमले के मामले का रतलाम पुलिस ने किया पर्दाफ़ाश

दिनांक 03.10.2020 को फरियादा शेल्डन एन्थोनी पिता आयवीन एन्थोनी क्रिश्यन उम्र 30 साल नि.शक्तिनगर रतलाम ने रिपोर्ट किया कि मै रतलाम से बाईक से बडनगर फायनेंस कार्यालय हाईवे रोड से जा रहा था कि बिलपांक फंटे के आगे पहुंचा कि पीछे से एक ट्रक आया तो मेने मेरी गाड़ी साईड पट्टी पर ले ली उसी समय एक पल्सर गाड़ी पर दो व्यक्ती पीछे से आये वह ट्रक को ओवर टेक करने लगे तो मेरी गाड़ी से हल्के से टकरा गये मैने बोला क्या अंधे हो तो उन्होने मुझे गाली देना शुरु कर दिया तो मेने भी गाली दी इतने मे उनकी मोटर सायकल पर पीछे बेठे व्यक्ति ने कहा की तु बहुत तेज चल रहा है तेरे को निपटा देता हुँ। और उसने जेब से कट्टा निकाला और मुझे जान से मारने की नियत से मेरे ऊपर फायर किया जिससे मुझे सामने पेट में गोली लगी मै वही गिर गया तो वह दोनो वहा से बदनावर तरफ भाग गये।

रिपोर्ट पर से थाना बिलपांक पर अप.क्रं. -474/2020 धारा 307,34 का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया । विवेचना के दौरान सायबर सेल रतलाम से फरियादी के मोबाईल नम्बरो की सीडीआर व लोकेशन प्राप्त कर जानकारी ली गई बाद फरियादी शेल्डन को तलब कर पूरक कथन लिये गये तथा फरियादी शेल्डन व साक्षी चिरंजीव जादव के धारा 164 जा.फौ. के न्यायालय रतलाम में कथन कराये गये।

जिसमें फरियादी ने बताया कि कोरोना से पहले फायनेंस कम्पनी से मुझे मैनेजर के पद पर रखा गया था। जिस पर मेरी सैलरी 45,000 रूपये मिलती थी लॉकडाउन होने के उपरान्त मेरी सैलेरी में लगातार कमी होने लगी तथा घटना के समय मेरी सैलेरी 25,000 रूपये हो गई थी । मै कॉरोना तथा सैलेरी के कम होने से न तो में अपना हाऊस लोन भर पा रहा था न मै अपने आपको संभाल पा रहा था और न ही अपने परिवार को सपोर्ट कर पा रहा था लगातार सैलेरी कट डाउन से मै क्रेडिट कार्ड का बिल और जो पैसे बाजार से उठाये थे उनको नहीं दे पा रहा था। उक्त कारणो से मै डिप्रेशन में चला गया था। मेरे पिताजी की पहले ही मृत्यु हो गई थी, मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि मै क्या करू? मै अपने भाई ऐरिक एन्थोनी की भी मदद नहीं कर पा रहा था। 
 
मेरा भाई अकेले स्ट्रगल कर रहा था तथा मै इस उम्र में भी अपने भाई की मदद नहीं कर पा रहा था उक्त सभी बातो को सोचकर मै डिप्रेशन में चला गया था। मै घटना के दो-तीन दिन पूर्व से डिप्रेशन में था। मेरे सोचने समझने की शक्ति क्षीर्ण हो चुकी थी तथा मुझे एक यही रास्ता समझ में आया कि मैं अपने आपको गोली मारकर आत्महत्या कर लूँ। मुझे कुछ न समझ आने के कारण ही अपने आपको गोली मार थी। जिस पिस्टल से गोली मारी थी, उसे लिस द्वारा जप्त की गई हैं। घटना के साक्षी चिरंजीव जादव ने अपने कथनो में बताया है कि घटना के पुर्व शेल्डन एन्थोनी बडवानी आये थे और सिंघाना जिला धार से पिस्टल और राऊण्ड खरीदकर ले गया था। फरियादी व साक्षी चिरंजीव के कथनो से फरियादी शैल्डन के साथ कोई घटना किसी अन्य बदमाशो द्वारा नहीं की गई है। फरियादी ने अपने कथनो मे बताये गये कारणो से परेशान होकर आत्महत्या करने के लिये स्वयं गोली पेट में मारी । अतः मामले में विवेचना एवं धारा 164 जा.फौ. के कथनो से एवं फरियादी को पेट आई हुई चोट का मेडिकल विशेषज्ञों से राय लेने पर भी यह तथ्य स्पष्ट हुआ कि फरियादी को आई हुई चोट स्वयं द्वारा पहुंचाने पर ही भावित हैं। इस प्रकार फरियादी द्वारा की गई रिपोर्ट असत्य पायी गयी है। फरियादी का थाना बिलपांक एवं जिला रतलाम में पूर्व से कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं हैं। 

फरियादी के विरुद्ध धारा 309, 182, 211, 201 भादवि. एवं 25, 27 आर्म एक्ट के तहत,आत्महत्या का प्रयास करना, साक्ष्य छुपाना झूठी रिपोर्ट दर्ज करना एवं अवैध हथियार खरीद कर उसका उपयोग करने के गिरफ्तार किया जाकर अग्रिम कार्यवाही की जा रही हैं।

प्रकरण का खुलासा करने तथा वास्तविकता के आधार पर निराकरण में सराहनीय भूमिका :-

पुलिस अधीक्षक गौरव तिवारी एवं अति. पुलिस अधीक्षक डॉ. इंद्रजीत बाकलवार के निर्देशन एवं अनुविभागीय अधिकारी (पु.) रतलाम ग्रामीण मान सिंह चौहान के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी बिलपांक निरी, बृजेश मिश्रा द्वारा वस्तुस्थिति ज्ञात की जाकर हत्या के प्रयास जैसे गंभीर अपराध का पर्दाफाश किया हैं। प्रकरण में थाना प्रभारी बिलपांक निरी, बृजेश मिश्रा के साथ-साथ उप निरीक्षक कैलाशचंद मालवीय, प्रधान आरक्षक लक्ष्मीनारायण थाना सैलाना, आरक्षक नीरज त्यागी, थाना बिलपांक की महत्वपूर्ण भूमिका रही हैं।