शहरवासियों को नहीं आ रहा है रास….ये ePass, राजनैतिक विरोध भी हुआ प्रारम्भ, भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय का ट्वीट भी हुआ वायरल…

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News By – नीरज बरमेचा (93028 24420)

रतलाम (शुक्रवार) जिला प्रशासन द्वारा 22 मई से लागू होने वाले ई-पास सिस्टम शहरवासियों को रास नहीं आ रहा है। राजनैतिक स्तर पर किसी ने इसे तुगलकी फरमान बताया तो किसी ने कलेक्टर से इस पर पुनर्विचार करने की मांग की। घटते संक्रमण के दौर में बढ़ती सख्ती पर जनता की नाराजगी भी दिखी। रतलाम शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष महेन्द्र कटारिया ने कोरोना संक्रमण के नियंत्रण के लिए लागू की जा रही ई-पास सिस्टम को तुगलकी निर्णय बताते हुए इस काले कानून को वापस लेने की मांग की है। वहीँ भाजपा नेत्री सीमा टांक ने कलेक्टर को पत्र लिखा कि, मैं मध्यमवर्गीय जनता की ओर से प्रशासन से निवेदन करना चाहती हूँ कि मध्यमवर्गीय परिवारों का ख्याल करते हुए अपने ई पास के निर्णय पर पुनर्विचार करें। उल्लेखनीय है कि इंदौर में भी प्रशासन द्वारा की जा रही सख्ती के विरोध में भाजपा का बड़े नेता कैलाश विजयवर्गीय ने भी अपना मोर्चा खोला। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि “आखिर क्या ज़रूरत है एक अलोकतांत्रिक और तानाशाही भरे निर्णय को इंदौर जैसे अनुशासित शहर पर थोपने की, जिस निर्णय की सर्वत्र निंदा हो रही हो उस पर पुनर्विचार होना ही चाहिये। प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को मिलकर विचार करना चाहिये।” कैलाश विजयवर्गीय का यह ट्वीट आज रतलाम के सोशल मीडिया पर भी वायरल होता रहा।

ई पास सिस्टम के पहले ही दिन ढेर सारे आवेदन आने की चर्चा होती रही। ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया में आए व्यवधान के समाधान के लिए दिए गए नम्बर पर कॉल ना लगने की शिकायत भी सामने आई। एक युवा ने शिकायती लहजे में बताया कि जितनी दिक्कत वैक्सीनेशन के स्लॉट बुकिंग में नहीं आई, उससे ज्यादा तो ई-पास बुकिंग में पसीना आ गया। वैक्सीनेशन के लिए जाने हेतु ई पास की आवश्यकता है या नहीं, बड़ी संख्या में लोग जानना चाहते थे। बाद में पत्रकारों के व्हाट्सएप्प ग्रुप में एक जिम्मेदार अधिकारी ने बताया कि टीकाकरण के पंजीयन के समय प्राप्त मैसेज ही पर्याप्त होगा। शहर कांग्रेस अध्यक्ष महेंद्र कटारिया ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ को भी शिकायत की है। कटारिया ने बताया कि जिला प्रशासन मनमाना निर्णय ले रहा है। शहरी क्षेत्र में संक्रमण कम हुआ है फिर भी सख्ती की जा रही है। उन्होंने दवाइयों की दुकानों, किराना दुकानों को पुराने समयानुसार ही खोलने की मांग की। गरिब सब्ज़ी वालो के लिए उचित व्यवस्था ना किये जाने पर चिंता व्यक्त की। वहीं सत्तासीन भाजपा की तेजतर्रार महिला नेत्री सीमा टांक ने भी जिला प्रशासन के खिलाफ पत्र लिखकर विरोध व्यक्त किया। उनके लिखे पत्र के अनुसार ई पास अव्यवहारिक है। घर मे अचानक किसी के बीमार होने या आवश्यकता पड़ने पर व्यक्ति ई पास की अनुमति की प्रतीक्षा करेगा या उपचार प्रबंध करेगा? शहर में एक माह से अधिक समय से लॉकडाउन लागू है। मध्यमवर्गीय परिवार की आर्थिक मोर्चे पर कमर टूट चुकी है। सुबह शाम राशन की व्यवस्था करने वाला गरीब परिवार ई पास सिस्टम से परेशान हो जाएगा। सीमा टांक ने जिलाधीश से ई पास सिस्टम पर पुनर्विचार करने की मांग की हैं। ई-पास सिस्टम लागू किये जाने के विरोध में जिले के जनप्रतिनिधियों की प्रतिक्रिया ना आने पर भी नाराजगी दिखी। उल्लेखनीय है बढ़ते लॉकडाउन से व्यापारियों व्यवसायियों की आर्थिक स्थिति बिगड़ती जा रही है। ऊपर से प्रशासन की सख्ती बढ़ने से जनता की परेशानी बढ़ रही है। जिले में संक्रमण घटने से लॉकडाउन खुलने के लिए आशान्वित व्यापारी वर्ग अचानक हुई सख्ती से हतप्रभ हैं। लोग चर्चा भी करते रहे कि जिम्मेदारों के नाक के नीचे बड़ा माल व्यापारी अपना व्यवसाय करता रहा और गरीब सब्ज़ी फल व्यवसायी प्रशासन की सख्ती से परेशान होता रहा। देखना होगा कि जिला प्रशासन आगे क्या रवैया अपनाएगा?


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