शेड्यूल एच दवाइयों का विक्रय करने वाली मेडिकल शॉप पर लगाने होंगे सीसीटीवी कैमरे

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News by – नीरज बरमेचा

मादक पदार्थों से बच्चों को बचाने के लिए संयुक्त कार्ययोजना पर विभागों की बैठक आयोजित
रतलाम 16 अगस्त 2021/ राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा जारी एक युद्ध नशे के विरुद्ध के ज्वाइंट एक्शन प्लान तथा ड्रग एवं मादक पदार्थों से बच्चों के बचाव के लिए संयुक्त कार्ययोजना पर संबंधित विभागों की एक बैठक कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित हुई। सीईओजिला पंचायत मीनाक्षीसिंह की अध्यक्षता में आयोजित उक्त बैठक में शासन के दिशा-निर्देशों से अवगत कराया गया।

बताया गया कि शेड्यूल एक्स तथा एच दवाइयों का विक्रय करने वाली मेडिकल शॉप पर सीसीटीवी कैमरा लगाना अनिवार्य होगा। तदनुसार मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को कार्यवाही के लिए निर्देशित किया गया। सीएमएचओ तथा ड्रग इंस्पेक्टर उन दवाइयों की दुकानों की रैंडम जांच करेंगे जहां सीसीडी कैमरा नहीं लगाया गया। शेड्यूल एच 1 दवाइयों का विक्रय करने वाली दवाओं की दुकानें को सीसीटीवी कैमरे की रिकॉर्डिंग बाल कल्याण पुलिस अधिकारी को उपलब्ध कराना होगी एच यदि कोई मेडिकल शॉप या व्यक्ति दोषी पाया जाता है तो जेजे एक्ट 2015 की धारा 77  तथा 78 के तहत एफआईआर दर्ज करने की कार्रवाई की जाएगी।
बैठक में बताया गया कि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय भारत सरकार द्वारा चिन्हांकित देश के 272 वल्नरेबल जिलों में रतलाम भी सम्मिलित है। इसलिए राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम टीम को बच्चों में डर के प्रारंभिक लक्षणों की पहचान के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा जिससे स्वास्थ्य परीक्षण के दौरान ऐसे बच्चों की शीघ्र पहचान और उपचार हो सके। बच्चों की नशा मुक्ति और पुनर्वास के लिए शासकीय अस्पतालों में प्रथक से व्यवस्था की जाएगी। ड्रग्स और मादक पदार्थों के आदि स्ट्रीट चिल्ड्रन का एनजीओ के सहयोग से मैपिंग की जाएगी। बाल कल्याण समिति के माध्यम से संरक्षण, परामर्श, उपचार और पुनर्वास किया जाएगा। बताया गया कि स्कूल शिक्षा विभाग नवीन शाला खोलने की मान्यता देते समय सुनिश्चित करेगा कि जिस शाला को मान्यता दी जा रही है। उससे 100 मीटर की परिधि के भीतर बीड़ी, सिगरेट, गुटका तंबाकू पदार्थ की बिक्री नहीं हो, उसकी दुकान संचालित नहीं हो। साथ ही शाला से इस बाबत अंडरटेकिंग भी प्राप्त करेंगे। मान्यता की प्रक्रिया में इस आशय का उप बंद करना सुनिश्चित करेंगे।

बताया गया कि स्कूल शिक्षा विभाग सभी शालाओं, शैक्षणिक संस्थाओं की सूची आबकारी विभाग को उपलब्ध कराएंगे ताकि आबकारी विभाग यह सुनिश्चित करेगा कि उक्त शैक्षणिक संस्थाओं से निर्धारित सीमा की परिधि में कोई भी शराब की दुकान संचालित नहीं हो और ना ही शराब का विक्रय हो और इस आशय का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करेंगे किस जिले में संचालित सभी शालाओं, शैक्षणिक संस्थाओं से निर्धारित परिधि में कोई शराब की दुकान संचालित नहीं है। बैठक में जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास रजनीश सिन्हा उपस्थित थे।

सीईओ जिला पंचायत मीनाक्षीसिंह ने निर्देश दिए कि बाल कल्याण पुलिस अधिकारी द्वारा नियमित निरीक्षण कार्य सुनिश्चित किया जाए कि शाला की निर्धारित परिधि में शराब का विक्रय नहीं हो। यदि कहीं इसका अतिक्रमण पाया गया तो वह स्वयं या शाला प्राचार्य या प्रशासक जेजे एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज करने की कार्रवाई करेंगे।  मीनाक्षीसिंह द्वारा यह भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए कि स्कूल में पदस्थ स्टाफ का पुलिस वेरिफिकेशन अनिवार्य किया जाए। यह कार्य स्कूल शिक्षा विभाग सुनिश्चित करेगा। साथ ही इस संबंध में जीरो टॉलरेंस नीति का पालन करते हुए यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि शालाओं में पदस्थ स्टाफ शाला के समय में शराब का सेवन कर शाला में उपस्थित नहीं हो। इसकी निगरानी शालाओं को स्थापित सीसीटीवी से करनी होगी अन्य निर्देश भी दिए गए।


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