स्वामित्व योजना ने ग्रामीणजनों को सशक्त बनाया, उनमे विश्वास पैदा किया – विधायक डा. पाण्डेय

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News by – नीरज बरमेचा 

  • स्वामित्व योजना के तहत 52 गावों के 15 हजार से ज्यादा ग्रामीणों को
  • अधिकार अभिलेख वितरित किए गए
  • प्रधानमंत्री तथा मुख्यमंत्री के लाइव उद्बोधन देखा व सुना गया

रतलाम 06 अक्टूबर 2021/ प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना ग्रामीण आबादी सम्पत्ति सर्वेक्षण अभियान के तहत बुधवार को रतलाम जिले की जावरा तहसील के 52 गावों के 15 हजार से ज्यादा हितग्राहियों को अधिकार अभिलेख प्रदान किए गए। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के लाइव उदबोधन को देखा व सुना गया। जावरा लहसुन मण्डी में आयोजित कार्यक्रम में विधायक डा. राजेन्द्र पाण्डेय मुख्य अतिथि के रुप में उपस्थित थे। उनके अलावा के.के. सिंह कालूखेडा, कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम, पुलिस अधीक्षक गौरव तिवारी, अपर कलेक्टर एम.एल. आर्य, सीईओ जिला पंचायत जमुना भिडे, एसडीएम जावरा हिमांशु प्रजापति तथा हितग्राही उपस्थित थे।

कार्यक्रम में हितग्राहियों को अधिकार अभिलेख अतिथियों के हाथों प्रदान किए गए। तहसील के विभिन्न गांवों में भी कार्यक्रम आयोजित हितग्राहियों को अधिकार अभिलेख प्रदान किए गए। इस दौरान जावरा विधायक डा. राजेन्द्र पाण्डेय ने अपने सम्बोधन में कहा कि अधिकार अभिलेख मिलने से ग्रामीणजनों में एक विश्वास पैदा हुआ है, उनमें क्षमता निर्मित हुई है, अब उनको जरुरत के मुताबिक बैंक ऋण मिल सकेगा। सभी हितग्राहियों को उन्होंने शुभकामनाएं दी। स्वामित्व अभियान की सिलसिलेवार जानकारी प्रदान की। विधायक डा. पाण्डे ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ग्रामीण क्षेत्रो के आर्थिक उत्थान एवं सर्वांगीण विकास के लिए कृत संकल्पित हैं।

डा. पाण्डे ने कहा कि हर सम्पत्तिधारक को सम्पत्ति का प्रमाण पत्र तथा भूमि स्वामित्व प्राप्त होगा। ड्रोन के माध्यम से कार्य होने के कारण दस्तावेजों का निर्माण शुद्धता एवं शिघ्रता के साथ होगा। सम्पत्ति रजिस्टर तैयार होने से ग्राम पंचायत को स्थायी आय की व्यवस्था भी होगी।

के.के.सिंह कालूखेडा ने अपने उद्बोधन मे कहा कि अधिकार अभिलेख मिलने से ग्रामीणजनों के मन में विश्वास पैदा हुआ है, अब उनको कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाना पडेंगे, उनके चेहरों पर मुस्कान आई है।

कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने अपने सम्बोधन में स्वामित्व अभियान की जानकारी देते हुए बताया कि आबादी का सर्वेक्षण कर केवल उन सम्पत्तियों के अधिकार का दस्तावेज तैयार किया गया है जिनके मालिक म.प्र., भू-राजस्व संहिता 1959 संशोधित लागू होने की दिनांक 25 सितम्बर 2018 को उस आबादी भूमि का उपयोग कर रहे था या जिन्हें उक्त दिनांक के पश्चात् विधिपूर्वक आबादी भूमि में भूखण्ड का आवंटन किया गया। पटवारी, ग्राम पंचायत सचिव और कोटवार घर-घर जाकर सम्पत्ति अधिकार के दस्तावेज में प्लाट की जानकारियां भरेंगे। हर प्लाट का उपयोग करने वाले परिवार के मुखिया का नाम, सम्पत्ति अधिकार के दस्तावेज पर लिखा जाएगा। कलेक्टर ने आगामी 1 नवम्बर से आरम्भ होने वाले राजस्व अभियान की भी जानकारी दी।


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