भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व महापौर शैलेन्द्र डागा ने हजारों लोगों के आवास से जुड़ा महत्वपूर्ण और गंभीर मामला  उठाया 

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News by – नीरज बरमेचा

निराकरण के लिए मुख्यमंत्री,नगरीय प्रशासन मंत्री,सांसद व विधायक को लिखा पत्र 

रतलाम,18 अक्टूबर| भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व महापौर शैलेंद्र डागा ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान,नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह, सांसद गुमानसिंह डामोर एवं विधायक चेतन्य काश्यप को पत्र लिखा है| इसमें विभाजित या टुकड़ों के प्लाट और उस पर बने मकानों की लीज अवधी नहीं बढ़ने, उनका नामांतरण नहीं होने और उक्त प्लाटों पर भवन निर्माण की अनुमति नहीं मिलने से परेशान शहर और प्रदेश के हजारों परिवारों की गंभीर समस्या का  निराकरण की मांग की है।

पूर्व महापौर शैलेन्द्र डागा ने बताया कि वर्तमान में शासन के नियम (मध्यप्रदेश नगरपालिका अचल संपत्ति का अंतरणनियम, 2016 ) के कारण रतलाम शहर सहित प्रदेश में टुकड़ों के प्लाट पर नामांतरण नहीं हो रहे है और न ही निर्माण की अनुमति मिल रही है।  


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 संपत्ति खरीदने के बाद हजारो शहरवासी परेशान

डागा ने बताया कि टुकड़े के प्लाट की लीज नहीं बढाई जा रही है। इससे हजारों परिवार की संपत्ति पर संकट के बादल छा गए है।इनमें अधिकांश मध्यमवर्गीय और गरीब परिवार है, जिन्होने जिंदगी भर की कमाई से अपने छोटे से घर का सपना पूरा किया और अब लीज नहीं बढने, नामांतरण नहीं होने और निर्माण की अनुमति नहीं मिलने से एक तरह से उनकी संपत्ति शुन्य जैसी हो गई है।  लीज अवधि नहीं बढ़ने से वे अब संपत्ति विक्रय भी नहीं कर पा रहे है ।

रतलाम शहर में ही ऐसे परिवारो की संख्या हजारों में है,जिन्होंने  इस नियम को सख्ती से लागू करने  के कई वर्ष पूर्व टुकड़ों के प्लाट या उस पर बने मकान खरीदे थे। अपने जीवन भर की पूंजी देकर अपने घर का सपना पूरा करने वाले इन परिवारों को उस समय इस नियम की जानकारी नहीं थी।आज यह सभी परिवार  संकट में आ गए हैं और निगम के चक्कर काटने को मजबूर है।नामांतरण नहीं होने और लीज नहीं बढ़ने से ऐसी संपत्ति पर आवश्यकता होने पर बैंक लोन भी नहीं मिल पा रहा है।

आवास योजनाएं सवालों के घेरे में 

डागा ने बताया कि केंद्र और प्रदेश की संवेदनशील भाजपा सरकार हर परिवार के आवास का सपना पूरा करने के लिए संपत्ति के अधिकार के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकार पत्र दे रही  है।सभी को आवास उपलब्ध कराने के लिए आवास योजनाएं चलाई जा रही है।ऐसे में पूर्व में इस नियम की जानकारी नहीं होने के चलते टुकड़ों के प्लाट पर बने मकान खरीदने वाले और परिवार की संपत्ति के बंटवारे में विभाजित हुए प्लाट पर बने मकान में रहने वाले हजारों परिवारों की ओर भी ध्यान दिया जाना जरूरी है।क्योकि इससे सारी योजनाओ पर सवाल खड़े हो रहे है | 

डागा ने पत्र में सुझाव दिया है कि  नई कालोनियां एवं नए सत्र के बाद विक्रय हुए मकानों या प्लाट में इस नियम को सख्ती से लागू किया जा सकता है,लेकिन जिन्होंने इस नियम के सख्ती से लागू होने से पूर्व मकान खरीदे हैं व बँटवारा हुआ है उनके लिए नामांतरण, लीज बढाने और भवन निर्माण की अनुमति में छूट मिलना चाहिए।उन्होंने पत्र में कहा कि इस नियम के कारण नामांतरण नहीं होने, लीज नहीं बढने, भवन निर्माण की अनुमति जारी नहीं होने से निकायों को राजस्व की हानि हो रही है। इसलिए नगर निगम चुनाव के पूर्व हजारों लोगों और परिवार और से जुड़े इस मुद्दे पर ध्यान दिया जाना आवश्यक है।


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