यदि लोकसभा चुनाव से पहले नहीं हुआ मध्यप्रदेश के भाजपा संगठन में बदलाव, तो कही फिर से लोकसभा सीटों में पिछड़ ना जाए भाजपा

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News By – नीरज बरमेचा 

एक तरफ लोकसभा चुनावों के लिए नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने देशभर में बिगुल बजा दिया है, वही दूसरी और मध्यप्रदेश में सरकार जाने के गम से अभी तक मातम छाया हुआ है| लोकसभा 2019 सर पर आ गया है और प्रदेश में कोई बड़े बदलाव होते दूर दूर तक नज़र नहीं आ रहे है| बीते विधानसभा के परिणामो को देखते हुए यदि ऐसे समय में प्रदेश में कोई संघठन में बदलाव नहीं लाया गया तो एक बार फिर कही हार का सामना ना करना पड़ जाए भाजपा को|      

प्रदेश अध्यक्ष के बाद सबसे बड़ा पद होता है प्रदेश में संघठन महामंत्री का| अभी वर्तमान में ये दायित्व है आरएसएस में रहे सुहास भगत (भोपाल) निर्वाह कर रहे है| और संभाग में संभागीय संघठन मंत्री का दायित्व संभाल रहे है प्रदीप जोशी (उज्जैन)| दोनों के बारे में यदि बात की जाए तो दोनों का जमीनी जुड़ाव कार्यकर्ताओ के साथ बहुत कम के बराबर है| जिसके चलते पार्टी के कार्यकर्ताओ का जुड़ाव पार्टी के लिए कम होता दिखायी देने लगा है| और इनके चलते पार्टी में कई नए नए पैराशूट नेता पार्टी में उच्च पदो पर दिखाई देने लगे है| और ऐसे में सेल्फी और फोटोसेशन के ज़माने में जमीनी कार्यकर्ताओ को सम्मान ना मिलने के कारण, जमीनी कार्यकर्ताओ का झुकाव पार्टी के लिए दिन प्रतिदिन कम होता नज़र आने लगा है|     

यदि समय चलते भाजपा के संघठन में ऐसे बड़े बदलाव नहीं किये गए तो लोकसभा चुनाव में कही जनता एक बार फिर कही बड़ा बदलाव ना कर दे यह एक विचारणीय प्रश्न है|