रतलाम मंडल की देन, पातालपानी-कालाकुंड हेरिटेज ट्रैन, जानिए क्या क्या है इसमें खूबियाँ और देखे फोटो?

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News By – नीरज बरमेचा & विवेक चौधरी 

यदि व्यक्ति या संस्था किसी कार्य के लिए संकल्पित हो जाए तो वह कार्य संपादित कर पाना मुश्किल नहीं होता है, चाहे लक्ष्य कितना भी दुश्कर ही क्यों ना हो। उक्त बात को रतलाम रेल मंडल प्रबंधक आरएन सुनकर ने चरितार्थ करते हुए प्रदेश, पश्चिम रेलवे तथा रतलाम रेल मंडल की प्रथम हेरिटेज ट्रेन के रूप में एक सौगात दी है। रतलाम रेल मंडल के महू -खंडवा रेल लाइन के आमान परिवर्तन के कार्य के साथ ही लगभग डेढ़ सदी पुरानी ऐतिहासिक धरोहर पातालपानी- कालाकुंड रेल खण्ड के बीच की रेलवे लाइन समाप्त करने की जगह उसे हेरिटेज रेलवे लाइन के रूप में संरक्षित कर लिया गया है। मात्र 6 माह के समय में यह असंभव सा लगने वाला कार्य रतलाम रेल मंडल के अधिकारी एवं कर्मचारियों के समर्पित प्रयास एवं मंडल रेल प्रबंधक के प्रखर इच्छाशक्ति एवं कुशल मार्गदर्शन में संभव हो पाया है।

1874 में स्थापित की गई रेल लाइन, जिसे अंग्रेजों ने अपनी जीवटता का परिचय देते हुए मुश्किल परिस्थितियों में बनाया था, उसे समाप्त करने के लिए रेल विभाग ने निर्णय ले लिया था। इंदौर खंडवा के बीच महू सनावद वाला मीटर गेज रेल खण्ड अत्यंत खतरनाक रेलवे लाइन मानी जाती रही है। जब इसे मीटर गेज से ब्रॉड गेज में परिवर्तित किया जा रहा था तब रेलवे ने यह निर्णय लिया कि इस खतरनाक मार्ग को छोड़कर अन्य सुविधाजनक मार्ग को अपनाते हुए नई ब्रॉड गेज रेलवे लाइन को नई जगह से विकसित की जा जाए। इसकी वजह से कालाकुंड पातालपानी क्षेत्र वाली रेल लाइन समाप्त होने जा रही थी। इससे क्षेत्र के निवासियों के लिए भी भारी मुश्किल होने वाली थी क्योंकि यहां पर सड़क मार्ग से पहुंचना भी कोई आसान कार्य नहीं है। इस मानवीय पहलू को भी ध्यान में रखते हुए आर एन सुनकर ने रेलवे लाइन को बचाने के लिए तथा पातालपानी से लेकर कालाकुंड स्टेशन तक के प्राकृतिक सौंदर्य का लाभ लेने की दृष्टि से इस खंड को को हेरिटेज रेलखंड के रूप में संरक्षित करने का निर्णय लिया।

अगस्त 2018 से जनवरी 2019 तक मात्र 6 माह में बिना किसी अतिरिक्त बजट स्वीकृत होने की प्रतीक्षा किये, वर्तमान में उपलब्ध संसाधनों एवं कर्मचारियों के सहयोग से यह उत्कृष्ट कार्य संपन्न किया गया। इस हेरिटेज ट्रैन के लिए अनुपयोगी पड़े मीटर गेज के रेल कोच को परिवर्तित कर सुंदर स्वरूप दिया गया। आधुनिक तकनीकों का उपयोग करते हुए यात्रियों को विभिन्न सुविधाएं एवं रोचक यात्रा की व्यवस्था बनाई गई। स्टेशनों पर खंडहर होने जा रहे भवनों का कायाकल्प कर प्रतिक्षालय, टिकट घर इत्यादि बनाए गए। वॉच टावर तथा भंगार सामग्री से विभिन्न प्रकार के दर्शनीय पुतले भी बनाए गए हैं। बंद पड़े रेल कोच को आलीशान आरामगाह का स्वरूप दिया गया है। पुराने समय में उपयोग में आने वाले रेलवे सामग्री को भी कालाकुंड रेलवे स्टेशन पर संग्रहालय के रूप में प्रदर्शन की व्यवस्था बनाई है।

मंगलवार 19 फरवरी को रतलाम रेल मंडल द्वारा हेरिटेज ट्रेन के लिए आयोजित सेरेमोनियल रन के मीडिया टूर में प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक एवं टीवी मीडिया के पत्रकारों के साथ उपरोक्त जानकारी साझा की गई। महू से पातालपानी होते हुए कालाकुंड तक मीडिया दल को हेरिटेज ट्रेन में यात्रा कराई गई। तथा हेरिटेज ट्रैन के स्वप्न से लेकर साकार होने तक की पूरी जानकारी दी गई। कालाकुंड स्टेशन पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में रतलाम रेल मंडल के ही विभिन्न कर्मचारियों द्वारा देशभक्ति से ओतप्रोत प्रस्तुति दी गई। इस सेरिमोनीयल रन एवं मीडिया टूर के लिए रेलवे बोर्ड के वरिष्ठ सदस्य राजेश अग्रवाल की विशेष रूप से महू पधारे। उनकी उपस्थिति में यह टूर संपन्न हुआ। राजेश अग्रवाल ने इस रेलखंड से जुड़ी अपनी 25 वर्ष पुरानी यादों को भी उपस्थित लोगों के साथ साझा किया। उन्होंने कहा कि इस रेल खंड के वर्तमान स्वरूप को देख कर तथा इस रेलखंड की पुरानी स्मृतियों को स्मरण कर के मेरी आंखें भर आई है। इस अदभुत कार्य का पूरा श्रेय उन्होंने मंडल रेल प्रबंधक आरएन सुनकर तथा उनकी योग्य एवं कुशल टीम को दिया। पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण इस कार्य के लिए उन्होंने आगे भी पूर्णरूप से मदद के लिए आश्वासन दिया। उन्होंने कहा है कि वे कोशिश करेंगे यहां भाप वाले इंजन भी चलाए जा सके।

पश्चिम रेलवे, रतलाम रेल मंडल तथा मध्य प्रदेश की पहली हेरिटेज ट्रेन होने की वजह से अब इस क्षेत्र में पर्यटन के क्षेत्र में असीम एवं अपार संभावनाएं बन गई है। वर्तमान में मानसून के समय यहां भारी संख्या में पर्यटक आते है। हेरिटेज ट्रैन चलने से इसकी संख्या में और भी इजाफा हो सकता है। यदि राज्य एवं केंद्र शासन संयुक्त रूप से प्रयास करें तो यह क्षेत्र देश और प्रदेश ही नहीं, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी प्रसिद्ध एवं पसंदीदा पर्यटक स्थल के रूप में विकसित हो सकता है। जिसकी वजह से क्षेत्र के लोगों को भी रोजगार मिलने की स्पष्ट संभावनाएं नजर आ रही है। निश्चित रूप से यह एक सराहनीय एवं अनुकरणीय प्रयास है जिससे राज्य एवं शासन के अन्य विभाग प्रेरणा ले सकते हैं।

यात्रा के पश्चात कार्यक्रम में रेलवे बोर्ड के वरिष्ठ सदस्य राजेश अग्रवाल, रतलाम DRM आर एन सुनकर व्यक्तिगत रूप से प्रत्येक मीडियाकर्मियों से मिले और उनके विचार और सुझाव जाने। जिज्ञासाओं का समाधान किया, सुझावों को अमल में लाने के लिए आश्वासन दिया और हेरिटेज ट्रैन की सफलता के लिए मीडिया के माध्यम से इसके प्रचार प्रसार को महत्वपूर्ण योगदान बताया। कार्यक्रम में रेल मुख्यालय के CRSE अरुण तुपे, मण्डल के वरिष्ठ अधिकारी कमल चौधरी, विपुल सिंघल, सुनील मीणा, एन आर मीणा, अजय ठाकुर, प्रदीप शर्मा, मुकेश पाण्डेय इत्यादि सहित अनेक अधिकारी कर्मचारी मौके पर उपस्थित थे।

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