यदि यातायात पुलिस की गाड़ी ही नियम तोड़े तो आम आदमी से उम्मीद कैसी? जानिए क्या है पूरा मामला?

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News By – नीरज बरमेचा (चीफ़ एडिटर)

(www.newsindia365.comजब अनुशासन पालन करवाने वाले ही अनुशासन हीनता करेंगे तो व्यवस्था में सुधार की गुंजाइश बहुत कम रह जाती है। एक और जबसे आचार संहिता प्रभावी हुई है तब से रतलाम यातायात पुलिस जनता को यातायात के नियमो की दुहाई एवं उपदेश दे रही है। गाड़ियों को रोक कर चेकिंग की जा रही है एवं चालान बनाये जा रहे है। इसको लेकर छोटे मोटे विवाद भी हो रहे है। लेकिन जब खुद यातायात पुलिसकर्मी ही अनुशासन हीनता करने लगे तो इन्हें कौन नियम सिखाएगा? और कौन इनका चालान बनाएगा?

होलिका दहन की रात जब रतलाम शहर के बाजार अपने चरम पर थे। सड़को पर भीड़ थी उसी समय रतलाम यातायात पुलिस का वाहन क्रमांक MP 03 A 1069 न्यू रोड के व्यस्ततम सड़क रात्रि 9 बजे पर पार्किंग लाइन के बाहर खड़ा था। चालक गाड़ी से गायब था और वाहन आने जाने वालों के लिए परेशानी का सबब बन रहा था। यदि इसकी जगह किसी सामान्य नागरिक का वाहन होता तो यातायात पुलिस वाले उसे लंबा चौड़ा ज्ञान बाँट चुके होते या चालक की अनुपस्थिति पर पहिये लॉक कर देते। लेकिन कहते है कि, “समरथ को नही दोष गौसाईं”। पुलिस पर कार्यवाही कौन कर सकता है इसलिए सड़क पर अन्य वाहन इधर उधर से निकलते रहे। सड़क पर डिवाइडर होने से वैसे ही एक तरफा मार्ग संकरा हो जाता है। ऐसे में स्वयं पुलिस द्वारा अनुशासन हीनता सवालों के घेरे में है और एक गैर जिम्मेदाराना कृत्य है।