17 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल एवं आंदोलन पर जाएंगे प्रदेश भर के फिजिओथेरेपिस्ट, जानिए क्या है पूरा मामला?

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News by  – नीरज बरमेचा 

(www.newsindia365.comमध्य प्रदेश मे प्रथक फिजियोथेरपी काउंसिल बनाने के लिए आमंत्रित की गई है|फिजिओथेरपी एक स्वतंत्र प्रॉफ़ेशन है, अथवा फिजियोथेरपी स्वतंत्र तरीके से मरीजो का इलाज करते है। फिजिओथेरपी  की पढाई 7-10 वर्ष की होती है ,जिसमे 41/2साल की डिग्री,2 साल की स्पेशल डिग्री जिसमे Orthopedic, neurology, sports, cardio अथवा अन्य ब्रांच शामिल है | फिजिओथेरेपिस्ट पेरामेडिकल के अंतर्गत नही है,ये पूरी दुनिया मे स्वतंत्र है ये भारत सरकार अथवा W .H.O. भी जानती हे ,इसके उपरांत मध्य प्रदेश मे विगत 16 वर्षों से बार बार मांग करने के बाद  हमारी स्वतंत्र काउंसिल बनाने की बात नही मनी गयी, जब की हमारे आस पास के राज्यो  मे जैसे छतीसगरह, महाराष्ट्र, अथवा गुजरात मे भी प्रथक काउंसिल बना दी गई है| इन सभी बातों की जानकारी देते हुये इंडियन असोशिएशन ऑफ फिजिओथेरेपिस्ट  रतलाम ब्रांच के अध्यक्ष डॉ. लोकेन्द्र चौधरी, सचिव डॉ॰ मुकेश चौहान ने बताया की अब मध्य प्रदेश मे 7000 फिजिओथेरेपिस्टहै | अथवा मध्य प्रदेश मे अलग काउंसिल बनाई जाए।

इस मांग को लेकर फिजिओथेरेपिस्टदिनांक 06 जुलाई 2019 को सांकेतिक हड़ताल पर थे|एवं  उसके बाद 10 दिन की मोहलत सरकार को देते हे। उसके उपरांत 17 तारीख से अनिश्चित कालीन हड़ताल एवं आंदोलन पर जाएंगे। इंडियन असोशिएशन ऑफ फिजिओथेरपिस्ट  रतलाम ब्रांच के समन्वयक डॉ॰ सपना खत्री बोरीवाल एवं अन्य पदाधिकारी डॉ॰ विधि तिवारी ने बताया की काउंसिल नही बनाने से फिजिओथेरेपिस्ट की काम करने की क्षमता  कम रहेगी।इस विधा मे अनुसंधान एवं  एजुकेशन की बड़ोत्री के लिए भी काउंसिल की आवश्यकता हे। डॉ. राम पवार एवं डॉ. भूपेंद्र सोडा ने बताया की प्रशाशन को जल्द से जल्द यह बात मानकर फिजिओथेरेपिस्ट की स्वतंत्र काउंसिल बनानी चाहिए |