प्रशासन के दो पहलू , एक तरफ वृक्षारोपण और दूसरी तरफ हरे भरे पेड़ो की कटाई, जानिए क्या है पूरी सच्चाई?

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News by  – नीरज बरमेचा 

(www.newsindia365.com रतलाम शहर को हरा भरा बनाने के उद्देश्य से हरियाली-ए-रतलाम’ कार्यक्रम के तहत जगह जगह वृक्षारोपण किये जा रहे है। अनेक सामाजिक संस्थाए भी इसमें बड़ चढ़ कर हिस्सा ले रही है| प्रत्येक रविवार को रतलाम प्रशासन द्वारा किये जा रहे हरियाली-ए-रतलाम’ जैसा कार्य तो सराहनीय है किन्तु प्रशासन के आँखों के सामने कई बड़े पेड़ो की कटाई की जा रही है और प्रशासन सिर्फ आँखे बंद कर के देख रहा है| ऐसा ही कुछ नज़ारा पिछले कुछ दिनों से शहर के मध्य देखने को मिल रहा है| 

दिए गए चित्र के अनुसार जो पेड़ो की कटाई की जा रही है, वो रतलाम शहर के मध्य का जिला चिकित्सालय का दृश्य है| जिसमे कई बड़े बड़े हरे भरे पेड़ो को खुलेआम काट दिया गया और ऐसे में ना तो कोई वृक्षारोपण वाले आये और ना ही कोई समाजसेवी| यहाँ पर जिला चिकित्सालय के मुख्य द्वार को चौड़ा करने के लिए इस हरे भरे बगीचे के कई हरे भरे पेड़ो को बेरहमी से कटाई की जा चुकी है| आखिर ऐसे में किसी ने भी कोई ऑब्जेक्शन क्यों नहीं लिया यह एक विचारणीय प्रश्न है?    

पिछले कुछ दिनों से रतलाम शहर में एक ट्रैंड सा बना हुआ है, एक फोटो या सेल्फी के चक्कर में 30-40 लोग उस छोटे से (नर्सरी) पौधे के आस पास खड़े हो कर फोटोसेशन तो करा लेते है किन्तु बाद में शायद कुछ ही प्रतिशत लोग उनकी आजीवन देखभाल करते है| जब इन पेड़ो की कटाई की जा रही थी तब कोई भी फोटोसेशन वाले वहा पर नज़र नहीं आ रहे थे| प्रशासन जहा एक ओर हरियाली-ए-रतलाम’ जैसा सराहनीय कार्य कर रहा है वही ये कटाई पर किसी की नज़र नहीं पड़ना कई नए नए सवालो को जन्म दे रहा है| 

जिले का एक मात्र जिला चिकित्सालय में एक ही हरा भरा बगीचा हुआ करता था, जिन पेड़ो की छाया में बैठ कर मरीजों के परिजन भोजन कर लिया करते थे, किन्तु शायद वो भी आला अधिकारियो को पसंद नहीं आया शायद इसलिए बगीचे की कटाई शुरू कर दी और उस हरे भरे बगीचे से रोड निकालने का कार्य शुरू करने की कोशिश कर ली| और भी कई रास्ते निकल सकते थे यदि आला प्रशासनिक अधिकारी सही तरीके से मौके स्थिति जाकर नयी प्लानिंग बनाते| हो सकता था थोड़े से परिवर्तन से कई पेड़ो की कटाई होने से बच जाते|