- दक्षिण और पश्चिम भारत में बाढ़ का कहर
- बाढ़ की वजह से अब तक 183 लोगों ने गंवाई जान
- अकेले केरल में 72 लोगों की मौत, महाराष्ट्र में भी आफत
- अब तक 183 से भी ज्यादा लोगों की मौत
#WATCH House collapses as flash flood hits Vikas Khand Ghat’s Lankhi village, in Chamoli, #Uttarakhand. State Disaster Response Force team has been rushed to the spot for rescue operation. pic.twitter.com/7KS2VVukcL
— ANI (@ANI) August 12, 2019
बारिश से बेहाल दक्षिण और पश्चिम भारत को रविवार को भी कहीं से कोई राहत नहीं मिली और केरल में जहां 72 लोगों की मौत हुई है वहीं कर्नाटक, महाराष्ट्र और गुजरात में बारिश और बाढ़ के कारण 111 लोगों की जान चली गयी है. दक्षिण भारत के राज्य कर्नाटक में सभी नदियां उफान पर हैं. बेल्लारी जिले में तुंगभद्रा नदी के तट पर स्थित यूनेस्को विश्व धरोहर हम्पी रविवार की सुबह एक जलाशय से 1.70 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद डूब गया. अधिकारियों के अनुसार हम्पी से पर्यटकों से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है. कर्नाटक में अप्रत्याशित बाढ़ के चलते पिछले हफ्ते से अब तक 40 लोगों की जान चली गयी और 17 जिलों के 80 तालुकों में चार लाख लोग विस्थापित हो गये. गृह मंत्री अमित शाह ने कर्नाटक और महाराष्ट्र के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया. केरल में 2.51 लाख से अधिक लोगों ने 1,639 राहत शिविरों में शरण ली है.
Karnataka: Naval Air Station, INS Hansa at Goa continued aerial rescue and relief operations in flood-hit Belagavi district yesterday. Naval helicopters from INS Hansa carried out three sorties in which 26 stranded people were moved to relief camps yesterday. pic.twitter.com/QrxNCBeCXY
— ANI (@ANI) August 12, 2019
राज्य सरकार की ओर से रविवार शाम सात बजे जारी बयान के अनुसार, बारिश और बाढ़ ने अभी तक 72 लोगों की जान ली है जबकि 58 लोग अब भी लापता हैं. कोच्चि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर रविवार को उड़ान परिचालन बहाल हो गया. रनवे पर पानी भर जाने के कारण हवाई अड्डा दो दिनों से बंद था. मौसम विभाग ने भारी वर्षा के अनुमान के मद्देनजर कन्नूर, कसारगोड और वायनाड के लिए रेड अलर्ट जारी किया है. रविवार सुबह आठ बजे तक कोझिकोड के वडकारा में सर्वाधिक 21 सेंटीमीटर वर्षा हुई। त्रिशूर के कोडंगल्लूर में में 19.9 सेंटीमीटर और मलप्पुरम के पेरिंथलमन्ना में 13.8 सेंटीमीटर बारिश हुई. मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा कि बड़े बांधों में जलस्तर अभी चिंता का विषय नहीं है. सबसे अधिक प्रभावित वायनाड में बृहस्पतिवार को बड़ा भूस्खलन हुआ था और आठ व्यक्ति अब भी लापता हैं. उनकी तलाश जारी है.
विभिन्न स्थानों पर सेना, नौसेना, तटरक्षक, एनडीआरएफ, पुलिस, स्वयंसेवक और मछुआरे बचाव अभियान में जुटे हुए हैं. कांग्रेस नेता और वायनाड से सांसद राहुल गांधी ने जिले में बाढ़ राहत शिविरों का दौरा किया और वहां रूके हुए लोगों से बातचीत की. वह कवलाप्पाडा भी गए. मलप्पुरम आपदा प्रबंधन प्राधिकरण का का कहना है कि आठ अगस्त को हुए भूस्खलन के बाद कवलाप्पाडा से अभी तक 11 शव निकाले गए हैं. एक अधिकारी ने बताया कि अभी तक 50 शवों के मलबे और मिट्टी के भीतर फंसे होने की आशंका है. दक्षिण रेलवे ने रविवार को मेंगलुरु -तिरुवनंतपुरम एक्सप्रेस, मवेली एक्सप्रेस, मालाबार एक्सप्रेस, कन्नौर-एर्नाकुलम इंटरसिटी एक्सप्रेस और एर्नाकुलम बेंगलुरु इंटरसिटी एक्सप्रेस समेत कई ट्रेनें रद्द कर दीं. रेलवे ने कर्नाटक, महाराष्ट्र और केरल में राहत सामग्रियों की ढुलाई पर किराया माफ करने की घोषणा की है.
इन राज्यों में दस लाख से अधिक लोगों को बाढ़ की विभीषिका से बचाने के लिए उनके घरों से अन्यत्र ले जाना पड़ा. रेलवे बोर्ड के उप निदेशक (यातायात वाणिज्यिक) महेंद्र सिंह ने सभी रेल महाप्रबंधकों को भेजे पत्र में कहा, ‘देश के सभी सरकारी संगठन अब कर्नाटक, केरल और महाराष्ट्र मुफ्त में राहत सामग्री ले जा सकते हैं. अन्य संगठन, जिन्हें संभागीय रेल प्रबंधक सही समझते हों, भी इस प्रावधान का लाभ उठा सकते हैं.’ कर्नाटक में भी बाढ़ की स्थित भयावह बनी हुई है और बारिश तथा बाढ़ ने अभी तक 40 लोगों की जान ली है जबकि 14 लोग लापता हैं. राज्य सरकार की ओर से जारी बयान के अनुसार, रविवार तक बारिश और बाढ़ से 40 लोगों की मौत हुई है जबकि 14 अन्य लोग लापता हैं. सरकार ने अभी तक 5.82 लाख लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया है जिनमें से 3.27 लाख लोग 1,168 राहत शिविरों में रह रहे हैं.
कर्नाटक के बेल्लारी जिला प्रशासन ने नदी के तटों के आसपास रहने वालों को सुरक्षित स्थानों पर चले जाने को कहा है क्योंकि भारी वर्षा के बाद तुंगभद्र बांध के सभी 33 गेट खोल दिये गये हैं. कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी. एस. येदियुरप्पा का कहना है कि प्राथमिक आकलन के अनुसार राज्य को बारिश और बाढ़ से 10,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. उन्होंने केन्द्र से तुरंत 3,000 करोड़ रुपये की सहायता राशि देने की मांग की है. पश्चिमी महाराष्ट्र के पांच जिलों में एक हफ्ते में वर्षा जनित घटनाओं में करीब 40 लोगों की मौत हो गयी. उनमें वे 17 लोग भी हैं जो बृहस्पतिवार को सांगली में ब्रह्मनाल गांव के समीप नौका के पलटने से डूबकर मर गये थे. महाराष्ट्र के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से अबतक चार लाख लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया है. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. उनके अनुसार 69 तहसील में 761 गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं.
पश्चिमी महाराष्ट्र में बाढ़ की स्थिति में सुधार लाने के लिए कर्नाटक में कृष्णा नदी पर अलमाटी बांधी से पांच लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा गया है. अधिकारी ने बताया कि सतारा में कोयना बांध से 53,882 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है क्योंकि उसके तटबंधीय क्षेत्र में अब भी बारिश हो रही है. महाराष्ट्र में पिछले एक हफ्ते से कोल्हापुर, सांगली, सतारा, ठाणे, पुणे, नासिक, पालघर, रत्नागिरि, रायगढ़ और सिंधुदुर्ग जिले वर्षा से बेहाल हैं. एक अधिकारी ने कहा, ‘इन दस जिलों में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल ने 29 टीमें, राज्य आपदा मोचन बल ने तीन, तटरक्षक बल ने 16 , नौसेना ने 41, सेना ने 10 टीमें तैनात की हैं. गुजरात के कई हिस्सों में अब भी भारी वर्षा का दौर जारी है जिससे वर्षा जनित घटनाओं में मरने वालों की संख्या 31 हो गयी है. उनमें सौराष्ट्र में शनिवार से जान गंवाने वाले 12 लोग भी शामिल हैं. गुजरात के मध्य भाग, सौराष्ट्र एवं कच्छ क्षेत्रों के कई हिस्सों में पिछले तीन दिनों से जबर्दस्त वर्षा हो रही है.