आखिर कब जागेंगे रतलाम की यातायात व्यवस्था को सुधारने वाले?

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News by  – नीरज बरमेचा   

(www.newsindia365.com) विगत कई दिनों से ऐसा लग रहा है जैसे यातायात व्यवस्था जैसी कोई प्रणाली रतलाम शहर में है नहीं| रतलाम शहर का  यातायात सुधारने के नाम पर सिर्फ ‘सड़क सुरक्षा सप्ताह’ के आलावा शायद ऐसा कोई दिन रहा होगा, जिसमे यातायात के बारे में यातायात पुलिस ने कोई अग्रणी कार्य किया हो| शहर में हर जगह खुलेआम यातायात के नियमो का उल्लंघन हो रहा है और रतलाम की यातायात व्यवस्था आँखों पर पट्टी लगाए बैठी हुई है| ऐसा प्रतीत हो रहा है मानो जैसे खुद यातायात प्रशासन ही लापरवाह हो और वो किसी बड़ी दुर्घटना के इंतज़ार कर रहा हो| ना तो आज तक किसी के घर रेड लाइट सिंग्नल क्रॉस करने पर चालान पहुँचा और ना ही आज तक किसी का प्रेशर हॉर्न निकला|

आइये जाने कहा कहा बिगड़ी हुई है रतलाम की यातायात व्यवस्था… 

  • शहर की अधिकतम स्कूल बसों में प्रेशर हॉर्न का उपयोग बेखौफ तरीके से हो रहा है|
  • नाबलिगो का वाहन चलाना एक आम सी बात हो गई है रतलाम शहर के लिए|
  • बुलेट में तेज आवाज वाले साइलेंसर का लगा कर घूमना|
  • दुपहिया वाहनों पर तीन या उससे भी अधिक लोगो का घूमना|
  • डार्क फिल्म को चार पहिया वाहनों के काँच पर लगाना|
  • तरह तरह कि स्टाइल से नंबर प्लेट पर नंबर लिखवाना|
  • बड़े वाहनों जैसे बड़ी बड़ी स्कूल-कॉलेज बसों का रहवासी इलाके से निकलना|
  • मोबाइल से बात करते हुए खुलेआम वाहन चलाना तो आम सी बात हो गयी है|
  • दो बत्ती के सिंग्नल पर लेफ्ट जाने वालो को जगह भी नहीं मिलती है|   

ऐसे कई अनकहे पहलु हैं रतलाम यातायात के, जिनमे से यदि थोड़ा सा भी जिम्मेदारी के साथ सुधार हो और यातायात पुलिस सतर्क हो जाये तो शायद रतलाम के यातायात में सकारात्मक परिवर्तन की पहल हो सकती है| लेकिन लगता है कि ऐसी बाते सिर्फ और सिर्फ पढ़ने सुनने में ही अच्छी लगती है| अब ये तो वक़्त ही बताएंगा कि ये बदलाव पहले होंगे या यह अच्छे शहर के लिए सिर्फ एक सपना ही रहेंगा|