सिविल सर्जन कार्यालय के अकाउंटेंट को लोकायुक्त ने रिश्वत लेते हुए रंगे हाथो पकड़ा, जानिए क्या है मामला….

0

News By – विवेक चौधरी (रतलाम ब्यूरों प्रमुख)

(www.newsindia365.com) रतलाम के बाल चिकित्सालय में उस समय हड़कंप मच गया जब लोकायुक्त की टीम ने सिविल सर्जन कार्यालय में पदस्थ लेखापाल पुरूषोत्तम बुचके को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया। लोकायुक्त उज्जैन के डीएसपी वेंदात शर्मा के अनुसार रतलाम के बाल चिकित्सालय में पदस्थ इंचार्ज सिस्टर रानी नेल्सन ने जीपीएफ की रकम निकलवाने के लिए आवेदन दिया था। लेखापाल पुरुषोत्तम बुचके ने रानी नेल्सन से जीपीएफ की रकम निकालने के एवज में 10% रिश्वत की मांग की थी। लेखापाल पुरूषोत्तम बुचके रविवार को बाल चिकित्सालय गया था, जहां पहले मौजूद लोकायुक्त दल ने उसे रूपए लेते ही पकड़ लिया। बुचके ने रिश्वत की राशि लेकर शर्ट की जेब में रख लिया था, लोकायुक्त पुलिस ने बुचके का शर्ट को भी जब्त कर लिया है।

Advt.

प्राप्त जानकारी के अनुसार बल चिकित्सालय में पदस्थ सिस्टर इंचार्ज रानी नेल्सन के जीपीएफ की राशि मे से एक लाख की राशि के आहरण के लिए आवेदन दिया था, जिसमे से 85 हजार रूपए  स्वीकृत हुए थे। उसी के लिए पुरुषोत्तम बुचके ने 10% के रूप में रिश्वत के साढ़े आठ हजार रु की मांग की थी। उल्लेखनीय है कि स्वास्थ्य मंत्रालय में ऊपर से लेकर निचले विभाग तक भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहते है। पिछले दिनों प्रदेश सरकार की महिला मंत्री इमरती देवी का एक वीडियो भी वायरल हुआ था, जिसमे वो एक डॉक्टर के खिलाफ शिकायत पर यह कहते हुये दिखी थी कि तबादले में तो पैसा लगता है। डॉक्टर को निलंबित करवा देते है।