जानिए कौन से स्टेशनों से चलने वाली ट्रेनों में अब कंबल घर से ले कर जाने पड़ेंगे और क्यों?

0

News By – विवेक चौधरी

कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने और बचाव के लिए तरह तरह के जतन किये जा रहे है। कहीं सुरक्षा निर्देश जारी किए जा रहे है तो कहीं पर भीड़ इकट्ठा करने पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है। मध्यप्रदेश सहित कई प्रदेशों में विद्यालयों की छुट्टी घोषित कर दी गई है और सिनेमा हॉल बन्द कर दिए गए है। कोरोना वायरस से सुरक्षा के उद्देश्य से रतलाम रेल मंडल द्वारा एक अनोखा कदम उठाया है। मंडल प्रबंधन ने निर्णय लिया है कि इंदौर रतलाम, उज्जैन, डॉ आंबेडकर नगर (महू) से आरंभ होने वाली गाड़ियों में कम्बल नही दिए जाएंगे। साथ ही साथ सभी वातानुकूलित कोचों से पर्दे भी निकल दिए जाएंगे। ये दिनांक 15 मार्च 2020 से लागू किया जा रहा है। अब इन कोचों में यात्रा करने वाले यात्रियों को अपनी सुविधा के लिए अपना कम्बल खुद लेकर ही यात्रा करना पड़ेगा।

रतलाम रेल मंडल के अन्य सुरक्षा उपाय

पश्चिम रेलवे के रतलाम मंडल पर कोरोना वायरस के खिलाफ लामबंदी कर ली है। वायरस के प्रसार को रोकने के लिए मंडल के सभी स्टेशनों, कोचिंग डिपो एवं कार्यालयों में बचाव के उपाय किए जा रहे हैं। मंडल रेल प्रवकता मनोज पांडेय ने बताया कि अभी हाल ही में फैले कोराना वायरस के कारण कई देश इसके चपेट में आए हैं तथा पूरे विश्व में हजारों की संख्या में इसके कारण मूत्यु भी हुई है। भारत में भी इसकी संख्या धीरे-धीरे बढ़ रही है। भारत में इसके प्रसार एवं बचाव के लिए कई कदम उठाए गए हैं तथा इसी तारतम्य में भारतीय रेलवे द्वारा भी इस संदर्भ में के एहतियात बरतने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। इस संदर्भ में रतलाम मंडल पर भी भारतीय रेलवे एवं स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देशानुसार विभिन्न विभागों दवारा कार्यवाई की जा रही है।

रतलाम रेल मंडल में कोरोना वायरस से सुरक्षा अभियान के मुख्य बिंदु

गाड़ियों के उन क्षेत्रों जहाँ यात्रियों दवारा बार-बार स्पर्श किया जाता है, जैसे कोच में प्रवेश द्वार पर लगे हैंडरेल, दरवाजे का हैंडल, टायलेट डोर हैंडल एवं सिटकनी, शौचालय में लगे हुए नल, वाटर टेप आदि को सैनिटाइजर के द्वारा बार-बार सफाई करवाई जा रही है।

मंडल के सभी स्टेशनों पर यात्री उदघोष प्रणाली के दवारा सभी स्टेशनों पर कोरोना वायरस के प्रसार रोकने संबंधित ऑडियो क्लिप का सतत् प्रसारण किया जा रहा है।

मंडल के विभिन्न स्टेशनों, प्रतीक्षालय आदि में लगे टी.वी. स्क्रीन पर लगातार रेल मंत्रालय द्वाराउपलब्ध करवाए गए वीडियों क्लिप का प्रसारण किया जा रहा है। जिसमें कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने का संदेश समाहित है।

मंडल के सभी कॉलोनियों, स्टेशनों, रेलवे कार्यालयों, रेलवे स्कूलों एवं गाड़ियों में इससे संबंधित पोस्टर्स लगाए गए हैं, जिसमें कोरोना वायरस का प्रसार रोकने के लिए क्या-क्या करना चाहिए, इसकी समूचित जानकारी दी गई है।

सभी बड़े एवं महत्वपूर्ण स्टेशनों के प्लेटफार्म एवं वेटिंग हॉल में लगे कुर्सियों, मोबाइल चार्जिंग पॉइंट्स, वाश वेसिन, वाथरुम, बेंच, लिफ्ट, एस्केलेटर, सिढियों/रैम्प के साथ लगे सपोर्ट हैंडल आदि की लगातार सैंनिटाइजर से सफाई करवाई जा रही है।

रेल चिकित्सा विभाग दवारा कोरोना वायरस के संदर्भ में अभी तक कुल 19 जागरुकता अभियान चलाया गया है तथा मंडल के सभी हेल्थ यनिट को सप्ताह में दो जागरुकता अभियान करने हेत निर्देश दिये गये हैं।

कोरोना वायरस के रोगियों के लिए मंडल चिकित्सालय रतलाम में 06 बेड का एक पृथक आइसोलेशन वाई बनाया गया है तथा किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए स्थानीय स्वास्थ्य विभाग से लगातार संपर्क किया जा रहा है।

रतलाम मंडल पर 120 बेड का क्वारंटाइन वार्ड के लिए स्थान चिन्हित कर लिया गया है जिसमें 25 बेड आर.पी.एफ. बैरक रतलाम में, 20 बेड का होलीडे होम उज्जैन में तथा 75 बेड का रैलवे हॉस्टल इंदौर में रहेगा।

मंडल चिकित्सालय द्वारा उचित मात्रा में वायरस से बचाव से संबंधित इक्यूपमेंट जैसे ग्लव्स, मास्क आदि उपलब्ध करवाए गए हैं। रेलवे चिकित्सालय में प्रतिदिन बुखार एवं सर्दी खाँसी के मरीजों की रिपोर्टिंग की जा रही है।

प्रतिदिन यात्री से संपर्क में आने वाले रेल कर्मचारियों जैसे टिकट चेकिंग स्टॉफ, रेलवे सुरक्षा बल आदि के लिए भी जागरुकता अभियान चलाया जाएगा।

क्रू लॉबी, रनिंग रुम, रिटायरिंग रुम, टिकट चेकिंग स्टाफ रेस्ट रूम आदि में भी नियमित रुप से सफाई करवाई जा रही है। सफाई के दौरान इस बात का विशेष रूप से ध्यान रखा जा रहा है कि सैनिटाइज़र के रुप में उपयोग होने वाला लिक्चिड जैसे लाईजॉल आदि की मात्रा मिश्रण में 2.5 प्रतिशत से कम नहीं होनी चाहिए।