29 मार्च से जिले में किसी भी प्रकार का प्रवेश और प्रस्थान पूर्णत: प्रतिबंधित, कलेक्टर ने जारी किया आदेश…

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News By – विवेक चौधरी

जिला कलेक्टर रुचिका चौहान द्वारा जारी आदेश के अनुसार 29 मार्च से जिले में किसी भी प्रकार का प्रवेश और प्रस्थान पूर्णत: प्रतिबंधित कर दिया गया है। जिले में लॉक डाउन व्यवस्था के तहत 29 मार्च से जिले में किसी भी प्रकार का प्रवेश और बाहर जाना पूर्णता प्रतिबंधित रहेगा। इसके लिए अनुमति या पास हेतु कार्यालय या दूरभाष पर संपर्क ना करने की हियादत दी गई है एवं सभी व्यक्तियों को अपने अपने स्थान पर बने रहने के लिए कहा गया है। कलेक्टर रुचिका चौहान ने बताया कि जिले की सभी फैक्ट्रियों, मिल, उद्योग इत्यादि में काम करने वाले मजदूरों, हॉस्टलों में रहने वाले विद्यार्थियों को भोजन तथा आवश्यक सुविधा उपलब्ध कराने का दायित्व संबंधित फैक्ट्री मालिक तथा हॉस्टल संचालक का होगा। उनके द्वारा किसी भी प्रकार की कोताही बरतने पर संबंधित द्वारा अपनी शिकायत अपने क्षेत्र के थाने पर दूरभाष द्वारा करने पर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि यदि किसी व्यक्ति को रहने के स्थान की समस्या हो तो उसके लिए जिले के विभिन्न स्थानों पर भवन चिन्हित किए गए हैं। इन भवनों में प्रशासन द्वारा निशुल्क व्यवस्था रहेगी। इस व्यवस्था के तहत रतलाम मे स्टेशन रोड थाना क्षेत्र में कालिका माता मंदिर, लायंस क्लब पावर हाउस रोड, माणक चौक थाना क्षेत्र में त्रिवेणी मानस भवन, दीनदयाल नगर में धाकड़ धर्मशाला, औद्योगिक थाना क्षेत्र में बड़बड़ हनुमान मंदिर निर्धारित किया गया है। इसी प्रकार जावरा में 24 बटालियन का सामुदायिक भवन, विवेकानंद कॉलोनी का सामुदायिक भवन, पिपलोदा में मांगलिक भवन, ताल में नवीन कॉलेज भवन जावरा रोड, आलोट में अंबेडकर भवन, कन्या छात्रावास भवन एवं बरखेड़ा कला में बालक छात्रावास भवन निर्धारित किया गया है। लॉक डाउन के दौरान जिले के सभी शासकीय निर्माण विभागों को निर्देशित किया गया है कि उनकी साइट पर कार्य करने वाले मजदूरों के भोजन तथा ठहरने की व्यवस्था की जाए। यह जिम्मेदारी विभाग तथा ठेकेदार को करनी रहेगी। इसकी सूची तथा रिपोर्ट भी प्रस्तुत करने के लिए निर्देशित किया गया है। इसके साथ ही कलेक्टर द्वारा जिले के सभी हॉस्टल संचालकों को भी निर्देशित किया गया है कि यदि उनके हॉस्टल में बच्चे हैं तो उनके भोजन की सुचारू व्यवस्था सतत करते रहें। यह जिम्मेदारी हॉस्टल संचालक की रहेगी कि बच्चों की भोजन व्यवस्था उचित रूप से करें।

जिला प्रशासन ने यह भी सूचित किया है कि लॉक डाउन अवधि में जो परिवार अपने निवास स्थान से अन्यत्र रुके हुए हैं अथवा बेघर बेसहारा व्यक्ति हैं, उनके भोजन हेतु राज्य शासन द्वारा रतलाम जिले को 2000 क्विंटल गेहूं उपलब्ध कराया गया है। जो उक्त परिवारों को 10 किलोग्राम प्रति परिवार के मान से नि:शुल्क उपलब्ध कराया जाएगा। जिले को आवंटित गेहूं को जनपद तथा नगरी निकाय वार आवंटन किया गया है। इस अनुसार नगर निगम रतलाम को 326 क्विंटल, जनपद रतलाम को 350 क्विंटल, नगर परिषद धामनोद, नामली, पिपलोदा, बड़ावदा को 10-10 क्विंटल जनपद जावरा को 200 क्विंटल, नगर पालिका जावरा को 100 क्विंटल, जनपद पिपलोदा को 150 क्विंटल, जनपद आलोट को 200 क्विंटल, जनपद सैलाना को 250 क्विंटल, जनपद बाजना को 300 क्विंटल, नगर परिषद आलोट को 36 क्विंटल, नगर परिषद ताल को 35 क्विंटल, नगर परिषद सैलाना को 20 क्विंटल गेहूं उपलब्ध कराया जा रहा है।