News By – विवेक चौधरी
रतलाम, 09 जुलाई 2020। काल के डर से बड़ा से बड़ा व्यक्ति भी महाकाल की शरण मे पहुँचता है। यह बात उस समय और अधिक पुख्ता हो गई कि उत्तरप्रदेश के कानपुर में बेखौफ होकर 8 पुलिसकर्मियों काल के गाल में पहुँचाने वाला आरोपी विकास दुबे को उज्जैन के महाकाल मंदिर से गिरफ्तार कर लिया गया है। उत्तरप्रदेश का मोस्ट वांटेड कुख्यात अपराधी विकास दुबे को अपनी हत्या अथवा एनकाउंटर का इतना भय था कि वह पकड़े जाने पर बार बार यह कह रहा था कि, “मैं विकास दुबे हूँ, कानपुर वाला…. इन्होंने हमे पकड़ लिया है।” यह शब्द इस बात का सूचक है कि वह यह चाह रहा था कि मीडिया के माध्यम से सभी को पता चले कि उसे जिंदा ही पकड़ लिया गया है। 3 जुलाई को कानपुर में उसके ठिकाने पर दबिश देने गए पुलिस दल के 8 पुलिसवालें शहीद हो गए थे। विकास के ऊपर 5 लाख का इनाम भी घोषित था। मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने विकास की गिरफ्तारी की पुष्टि की है और कहा कि मध्यप्रदेश की पुलिस किसी को छोड़ती नहीं है। उन्होंने बताया कि उज्जैन पुलिस ने विकास दुबे को पकड़ लिया है। वह हमारी कस्टडी में है।
#WATCH Madhya Pradesh: After arrest in Ujjain, Vikas Dubey confesses, “Main Vikas Dubey hoon, Kanpur wala.” #KanpurEncounter pic.twitter.com/bIPaqy2r9d
— ANI (@ANI) July 9, 2020
उत्तरप्रदेश के कुख्यात अपराधी विकास दुबे को महाकाल मंदिर से गिरफ्तार किया गया। बताया जा रहा है कि विकास महाकाल दर्शन के लिए ढाई सौ रुपए शुल्क वाली रसीद लेकर पहुंचा था। जहाँ पर उसे गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तारी के समय उसने अपनी पहचान बताने की कोशिश की ताकि उसकी गिरफ्तारी सार्वजनिक हो सकें। यद्यपि वह अब पुलिस के पकड़ में है और आगे की कानूनी कार्यवाही के पश्चात ट्रांजिट रिमांड पर उत्तरप्रदेश ले जाया जाएगा। तथापि 3 जुलाई के हत्याकांड के पश्चात 9 जुलाई को एक ऐसी जगह गिरफ्तारी कई प्रश्न खड़ा करती है वह ऐसी जगह क्यों गया जहाँ cctv और पुलिस बंदोबस्त रहता है। उसने रसीद भी बनवाई। ऐसे अनेक अन्य प्रश्न भी खड़े होंगे। इस घटना को विकास दुबे की एक साजिश के रूप में भी देखा जा रहा है कि कैसे पुलिस एनकाउंटर से अपनी जान बचाई जाए, गिरफ्तारी सार्वजनिक हो। अब यह सब जांच का विषय है। विकास से होने वाली तफ्तीश में बड़े खुलासे की संभावनाएं व्यक्त की जा रही है।