लॉकडाउन के दर्द से मुरझाए चेहरे रोजगार मेले में खिले

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News by- नीरज बरमेचा 

रतलाम 16 जुलाई 2020/ कोरोना संकट से उत्पन्न लॉकडाउन के दर्द से जिन प्रवासी श्रमिकों के चेहरे मुरझा गए थे, गुरुवार को वे चेहरे रतलाम के रोजगार मेले में खिल उठे। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के निर्देश पर जिला प्रशासन द्वारा प्रवासी श्रमिकों के लिए रोजगार मेला आयोजित किया गया। रोजगार मेले में रतलाम जिले के दूरदराज के गांवों तथा आसपास के क्षेत्र से कई सारे युवा रोजगार की उम्मीद में आए और उनकी उम्मीद रोजगार मेले ने पूरी भी की। मेले में शामिल उद्योगों नियोक्ताओं ने अपने अचार मसाले, मोबाइल कवर, प्लास्टिक आइटम, अगरबत्ती निर्माण आदि उत्पादों के निर्माण में सहभागिता के लिए प्रथम चरण में 107 प्रवासी श्रमिकों का चयन किया। अभी जरूरी औपचारिकताओं की पूर्ति के बाद उद्योगों द्वारा मेले में शामिल और 204 श्रमिकों को रोजगार दिया जाने वाला है।

रोजगार मेले में रतलाम जिले की औद्योगिक इकाइयों तथा नीमच की एसआईएस सिक्योरिटी एजेंसी ने सम्मिलित रहकर प्रवासी श्रमिकों को मुख्यमंत्री की मंशानुसार रोजगार देकर अपने सामाजिक दायित्वों का  निर्वहन किया जिसकी सराहना सांसद डामोर ने अपने उद्बोधन में भी की। रोजगार मेले की सफलता के लिए कलेक्टर रुचिका चौहान द्वारा सतत प्रयास किए गए। कलेक्टर के निर्देश पर अधिकारियों द्वारा नियोक्ताओं से सतत संपर्क रखा गया। उद्योगपतियों की सहभागिता से प्रवासी श्रमिकों को रोजगार दिलाने की ठोस पहल की गई।

मेले में रतलाम की जनता केबल्स, जैन इंडस्ट्रीज, जी.आर. इंडस्ट्रीज, नीरज फूड्स, शिव प्लास्टिक, अग्रवाल इंडस्ट्रीज, राज कंसलटेंसी जावरा जैसी औद्योगिक इकाइयों के नियोक्ता सम्मिलित हुए। नीमच की एसआईएस कंपनी ने मेले में सहभागिता करते हुए 26 श्रमिकों का चयन सिक्योरिटी गार्ड के लिए किया। जावरा की राज कंसलटेंसी ने 8 श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराया। रतलाम के जैन एग्रो फूड्स तथा वैभव इंटरप्राइजेज द्वारा 6-6 श्रमिकों को रोजगार दिया गया। अन्य औद्योगिक इकाइयों द्वारा भी अपनी संस्थानों में श्रमिकों की भर्ती अपनी वैकेंसी अनुसार की गई।

रोजगार मेले में रोजगार के लिए आए प्रवासी श्रमिक अंबाराम भाबर को रतलाम की शिव प्लास्टिक यूनिट में रोजगार का अवसर मिला वे पूर्व में गुजरात सूरत में कार्य कर रहे थे। लॉकडाउन में लौटकर आए अब रोजगार के संकट से निपटकर अंबाराम को शिव प्लास्टिक यूनिट में 8000 प्रतिमाह कमाई का अवसर मिला है। बाजना क्षेत्र के ग्राम पाडलिया, जोतपुरा के प्रवासी श्रमिक हेमचंद डोडियार लॉकडाउन से पूर्व सूरत में एक फैक्ट्री में कार्य करते थे, लौटकर आए तो रोजगार नहीं था लेकिन अब राज्य शासन की प्रभावी पहल से रोजगार मेला लगा मेले से चयनित हेमचंद को रतलाम की जैन इंडस्ट्रीज में मशीन ऑपरेटर के पद पर 9000 रूपए प्रतिमाह राशि मिलेगी।

बांगरोद के रवि धाकड़ डिप्लोमा इंजीनियर है। पहले देवास औद्योगिक क्षेत्र में कार्य करते थे लॉकडाउन में घर लौट आए, रोजगार मेले में शामिल हुए। रवि 15000 रुपए प्रतिमाह की सैलरी पर डीपी प्लास्टिक इंडस्ट्रीज रतलाम में कार्य करने वाले हैं। स्नातक उत्तीर्ण रतलाम के मुखर्जी नगर के चित्रांश भटनागर को भी रोजगार मेले के माध्यम से रोजगार मिला। वह पहले बड़ौदा की फार्मा कंपनी में काम करते थे, अब रोजगार मेले से उन्हें अपने घर पर ही रोजगार मिल गया। वे अब जैन इंडस्ट्रीज में काम करेंगे। प्रवासी श्रमिकों के चेहरे पर मुस्कान लाने के उद्देश्य में रोजगार मेला सफल रहा। वास्तव में लॉकडाउन के दर्द से मुरझाया उनका चेहरा रोजगार मेले में खिल उठा। इसके लिए वे मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान का ह्रदय से आभार व्यक्त करते हैं।