अवयस्‍क बालिका के साथ दुष्‍कर्म करने वाले आरोपी की जमानत निरस्‍त

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News by- नीरज बरमेचा 

अभियोजन मीडिया सेल प्रभारी शिव मनावरें ने बताया कि माननीय विशेष न्‍यायालय पॉक्‍सो एक्‍ट रतलाम (श्री तरूण सिंह) द्वारा आरोपी सोहन पिता हकरू मईडा उम्र 26 वर्ष नि. गोरधनपुरा  थाना सैलाना जिला रतलाम का जमानत आवेदन पत्र निरस्‍त किया गया।

विशेष लोक अभियोजक (पाक्‍सो एक्‍ट) श्रीमती गौतम परमार ने बताया कि दिनांक 01.08.2020 को अवयस्‍क 15 वर्षीय अभियोक्‍त्री अपने काका के लडके के साथ बकरी चराने जंगल में गयी थी। बकरीया चराते हुए उसके काका का लडका बकरीया लेकर दुर चला गया था तभी अभियोक्‍त्री को अकेला देखकर सोहन मईडा उसके पास आया और अभियोक्‍त्री का बुरी नियत से पकडकर झाडियो में खिंचकर उसके साथ जबरदस्‍ती दुष्‍कर्म किया। अभियोक्‍त्री को अभियुक्‍त ने धमकी दी थी कि चिल्‍लाना मत नही तो जान से खत्‍म कर दॅूगा। इतने में अभियोक्‍त्री के काका का लडका आ गया जिसे देखकर अभियुक्‍त सोहन मईडा भाग गया। अभियुक्‍त द्वारा दी गयी धमकी व बदनामी के डर कारण अभियोक्‍त्री ने अपने साथ हुई घटना की बात किसी को नही बतायी थी। घटना के लगभग 23 दिन बाद दिनांक 24.08.2020 को अभियोक्‍त्री ने हिम्‍मत करके अपने साथ हुई घटना के बारे में अपने माता पिता को बतायी व उन्‍हे अपने साथ लेकर सैलाना थाने पर आई।

अभियोक्‍त्री की रिपोर्ट पर से थाना सैलाना पर अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान दिनांक 26.08.2020 को अभियुक्‍त सोहन पिता हकरू मईडा को गिरफ्तार किया जाकर आवश्‍यक कार्यवाही उपरांत उसी दिन माननीय न्‍यायालय में पेश किया गया, जहां से आरोपी का जेल वारंट बना कर उपजेल सैलाना दाखिल किया गया। अनुसंधान उपरांत अभियोग पत्र आरोपी के विरूद्ध दुष्‍कर्म व पॉक्‍सो एक्‍ट की धाराओ में दिनांक 23.09.2020 को माननीय विशेष न्‍यायालय में प्रस्‍तुत किया गया।
     

अभियुक्‍त सोहन मईडा की ओर से उनके अधिवक्‍ता द्वारा जमानत आवेदन पेश करने पर दिनांक 24.09.2020 को माननीय विशेष न्‍यायालय में सुनवायी हुई जिसमें अभियोजन की ओर से विशेष लोक अभियोजक श्रीमती गौतम परमार द्वारा जमानत आवेदन पत्र का विरोध कर तर्क प्रस्तुत किये गये। माननीय विशेष न्‍यायालय द्वारा अभियोजन के तर्को व अवयस्‍क बालिकाओ के साथ दुष्‍कर्म एवं लैंगिक हमलो की बढती हुई घटनाओ तथा प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए अभियुक्‍त को जमानत पर छोडा जाना उचित नही मानते हुए जमानत आवेदन निरस्‍त किया गया।