मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया से स्‍वयं का बचाव करें…

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News by- नीरज बरमेचा 

  • समय पर जॉंच उपचार एवं सावधानियां रखकर मलेरिया से बचाव हो सकता है

रतलाम 31 अक्टूबर 2020/ वर्षाऋुतु के मौसम के पश्चात मच्छरों की अधिकता को देखते हुए जनसमुदाय मलेरिया से बचने हेतु कोई भी बुखार आने पर तुरन्त रक्त पट्टी बनवाकर, आर.डी.टी. द्वारा जांच करवाए। जांच पश्चात मलेरिया पाए जाने पर राष्ट्रीय दवा नीति के अनुसार पूर्ण रुप से दवाईयों का सेवन करें।

जिला मलेरिया अधिकारी डा. प्रमोद प्रजापति ने बताया कि यदि डेंगू, मलेरिया, चिकुन गुनिया में तेज बुखार, सिरदर्द, त्वचा पर चेचक जैसे लाल चकत्ते तथा मांसपेशियों और जोडों का दर्द जैसे लक्षण सामने आने पर तत्काल डाक्टर से परामर्श लें एवं जिला चिकित्सालय की पैथालाजी लेब में एलाईजा टेस्ट करवाएं। जांच एवं उपचार की सुविधा जिला चिकित्सालय में निःशुल्क उपलब्ध है।

जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. प्रमोद प्रजापति ने बताया कि मच्‍छर ठहरे हुए पानी में उत्‍पन्‍न होते हैं इसलिए लार्वा की ब्रीडिंग के सभी स्रोतों को समाप्‍त करना चाहिए। छत पर रखी पानी की खुली टंकियां, टूटे बर्तन, मटके, कुल्‍हड, गमलों में एकत्र जल में, बेकार फेंके हुए टायरों में एकत्र जल में, कूलर में एकत्र जल में, किचन गार्डन में रूका हुआ पानी आदि जगहों पर लार्वा उत्‍पन्‍न होने की संभावना होती है। मलेरिया एवं डेंगू जैसे रोगों से बचाव के लिए सोते समय मच्‍छरदानी का उपयोग करें, घर के आसपास के गडढों को भर दें। पानी से भरे स्‍थानों पर मिट्टी का तेल या जला हुआ इंजन आईल डाल दें। सप्‍ताह में एक बार अपने टीन डिब्‍बा, बाल्‍टी, इत्यादि का पानी खाली कर दें। दोबारा उपयोग होने पर उन्‍हें अच्‍छी तरह धोकर सुखाऐं, आवश्‍यकता होने पर ढंक कर भरें। सप्‍ताह में एक बार कूलर्स का पानी खाली कर दें। फिर सुखाकर ही उनका उपयोग करें। बर्तन आदि को ढंक कर रखें। हैंडपंप के आसपास पानी एकत्र ना होने दें। बुखार होने पर नजदीकी शासकीय स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र पर जाकर मलेरिया की जॉंच कराऐं । मलेरिया का पूरा नि:शुल्‍क उपचार शासकीय स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्रों पर उपलब्‍ध है।