पुलिस ने सनसनीखेज तिहरे हत्याकांड का किया खुलासा, मास्टरमाइंड आरोपी फरार, अन्य आरोपी गिरफ्तार, पुराने हत्याकांड से भी जुड़े है तार…

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News By – विवेक चौधरी & नीरज बरमेचा

रतलाम, 02 दिसंबर 2020। पिछले दिनों हुए सनसनीखेज तिहरे हत्याकांड का खुलासा करते पुलिस अधीक्षक गौरव तिवारी ने बताया कि तिहरे हत्याकांड के मामले में चार आरोपियों को गिरफ़्तार किया गया है, जबकि घटना में मास्टरमाइंड आरोपी दिलीप देवल अभी भी फरार है। आरोपी दिलीप एक साइको किलर है तथा आरोपी यूट्यूब पर क्राइम वीडियो देखकर अपराध को योजनाबद्ध तरीके से देते थे अंजाम।

क्या था तिहरा हत्याकांड?

रतलाम शहर के औद्योगिक क्षेत्र थाना के अंतर्गत आने वाले राजीव नगर (जवाहर नगर मुक्तिधाम के पास) स्थित एक के 4 मंजिला मकान में रहने वाले 50 वर्षीय गोविंदराम सोलंकी, उनकी पत्नी शारदा तथा 20 वर्षीय बेटी दिव्या की कार्तिक शुक्ल एकादशी 25 नवंबर की रात को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। छोटी दीपावली होने की वजह से गोलियों की आवाज़ ना सुनाई पड़नी की बात कही गई। परिवार मकान की दूसरी मंजिल पर रहता था और अगले दिन सुबह जब तीसरी मंजिल पर रहने वाली किराएदार नर्स अपने स्कूटर की चाभी लेने परिवार के घर आई तब तीनों की लाश मिलने से घटनाक्रम उजागर हुआ। लाशें दो अलग अलग कमरों में थी और घर का दरवाजा खुला हुआ था। नर्स का स्कूटर जो घर के नीचे खड़ा था, वो भी मौके से गायब मिला। सूचना मिलने पुलिस मौके पर पहुंची। एवं पुलिस कप्तान गौरव तिवारी सहित आला पुलिस अधिकारी एवं एफएसएल और डॉग स्क्वाड भी पहुंचा। 26 नवंबर को ही पुलिस ने देवरा देवनारायण नगर से नर्स का स्कूटर खोज निकाला। पुलिस की पूछताछ में जो जानकारी सामने आई उसके अनुसार मृतक गोविंदराम स्टेशन रोड स्थित एक हेयर सैलून पर काम करता था जबकि उसकी पत्नी शारदा के बारे में चोंकाने वाली बात पता चली कि वो अवैध शराब बिक्री कारोबार में संदिग्ध थी। बेटी दिव्या नर्सिंग की पढ़ाई कर रही थी तथा लॉकडाउन के कारण कॉलेज की क्लास नहीं लगने के कारण अपनी बड़ी बहन मोना के साथ बिजली कंपनी से जुड़े किसी काम मे संलग्न थी। घटनाक्रम सनसनीखेज एवं पेचीदा होने से पुलिस तुरंत सक्रिय हुई तथा खोजबीन में मुस्तैदी के साथ जुट गई थी। पुलिस को 2 संदिग्ध युवकों के स्कूटर पर देवरा देवनारायण नगर की तरफ जाने की सूचना तथा वीडियो फुटेज हाथ लगे थे। गहराई से पड़ताल करने पर पुलिस को आरोपियों के पैदल घूमते हुए वीडियो फुटेज मिल गए थे। मामला सुर्खियों में आने लगा था और गंभीर प्रकृति का होने की वजह से DIG पुलिस सुशांत सक्सेना एवं IG राकेश गुप्ता ने मौके का व्यक्तिगत रूप से मुआयना किया। IG ने आरोपियों पर 30 हजार का ईनाम घोषित कर यह बात कही थी कि हम आरोपियों के बहुत करीब है। जल्द ही घटनाक्रम का खुलासा करेंगे।

पुलिस द्वारा की गई कार्यवाही :-

प्रेस वार्ता में वारदात की जानकारी देते हुए पुलिस कप्तान ने बताया कि तिहरे हत्याकांड की घटना मे यह ज्ञात हुआ कि मकान गोविंद सोलंकी का ही है और उनके मकान मे किरायेदार लोग रहते है। एक किरायेदार ने सूचना हत्याकांड की तफ्तीश के समय जानकारी दी कि उसकी स्कूटी घर के नीचे से गायब है। पुलिस ने इसका अवलोकन किया तो यह ज्ञात हुआ कि मृतिका दिव्या की स्कूटी की चाबी गायब है और किरायेदार की स्कुटी घटनास्थल से गायब है। पुलिस ने इसकी तलाश आदि के लिये भी सीसीटीवी कैमरे और पुलिस को अलर्ट किया गया, टोल नाके आदि से जानकारी निकाली गई।

उक्त स्कूटी दिनांक 26.11.20 की शाम को देवरा देवनारायण कालोनी मे स्थित मंदिर के पास मे लावारिस हालत मे मिली। स्कूटी वहाँ कैसे पहुंची आदि की जानकारी निकालते हूए सीसीटीवी कैमरे आदि के माध्यम से यह ज्ञात हुआ कि दो लोग अलग अलग स्कूटी पर आये थे उनमे एक ने स्कूटी वहां छोडकर दूसरे स्कूटी के वाले के पीछे बैठकर वहां से भाग गया। उक्त स्कूटी देवरा देवनारायण स्थित मंदिर पर कैसे पहुंची आदि कि पड़ताल के लिये एक स्पेशल टीम सीसीटीवी कैमरे चैक करने के लिये लगाई गई। इसमे उन्होने दि. 26.11.20 की रात मे ही घटनास्थल से आरोपियो के भागने के रूट को ट्रेक किया गया और सायबर सेल की टीम भी लगाई गई ।

इस मुददे पर जांच की गई कि वह घटनास्थल पर किस रूट से पहुंचे। 200 से अधिक स्थानो पर लगे सीसीटीवी कैमरे आदि को खंगाला गया । इससे जानकारी निकली कि घटना को अंजाम देने के लिये घटना वाले दिन के शाम 7.30 बजे से ही घटनास्थल, घटना कर भागने के रूट आदि की रैकी करते रहे। इसके बाद लगभग रात 08-8.15 बजे के आस पास इन्होंने खुले ग्राउण्ड मे एकत्रित होकर रूपरेखा तैयार किया और घटना को अंजाम देने के लिये चार लोग शामिल थे। इसमे उनका मुख्य मास्टर माईन्ड दिलीप देवल जो दाहोद का रहने वाला है। इसने अपने साथ मे बाॅबी उर्फ अनुराग तथा गोलू उर्फ गौरव बिलवाल जो रतलाम के रहने वाले है, तथा चैथा लाला भाबोर जो दाहोद का रहने वाला है व गौरव बिलवाल का रिश्तेदार है।

इन लोगो ने घटना को अंजाम देने के लिये दिनांक 23.11.20 को ही योजना कर रखी थी और दिनांक 25.11.20 का दिन चुना था क्योकि उस दिन छोटी दिपावली (देव उठनी ग्यारस) होने से लोग अपने घर मे व आतिशबाजी आदि होने से फायरिंग आदि के दौरान लोगो को पता नही चले । इस हिसाब से ये लोग रात 8.15 के आस पास घटनास्थल पर पहुंच गये। मौका देकर जब गली मे बाहर कोई नही था उस वक्त दिलीप, अनुराग उर्फ बाॅबी व लाला भाबोर घर के अंदर घुसे व चौथा साथी गोलू उर्फ गौरव इसको बाहर मोटर सायकल व स्कूटी की निगरानी करने एवं गाडी चालू रखने के लिये लगाया ताकि भागने मे कोई दिक्कत न आये। उसके बाद इन लोगो ने घटनास्थल पर दिलीप ने घर के अंदर घुसते ही सबसे पहले शारदाबाई जो अपने घर मे बेड पर बैठकर टीवी देख रही थी उसके सिर मे गोली मारी, उसकी आवाज सुनकर दूसरे कमरे मे लडकी दिव्या उठी और जैसे ही इस तरफ भागी तुरन्त उसको भी चेहरे पर आंख के नीचे गोली मार दी इन दोनो की घटनास्थल पर ही मृत्यु हो गई।

फिर इन तीनो ने मिलकर इनके केश, ज्वेलरी आदि को लूटा और इसके बाद ये जैसे ही बाहर निकलने लगे तब तक गोविंद सोंलकी जो कि सैलून पर काम करते था, रात्रि लगभग 9 बजे अपने घर पर पहुंचे। जैसे ही गोविंद को घर पर आता देख आरोपियों घर मे छुपकर उसका इंतजार करने लगे। जैसे ही गोविंद घर मे घुसा घर आरोपियों ने गोविन्द के सिर पर गोली मार दी।

फिर वहां से इन लोगो ने मृतिका दिव्या की स्कुटी की चाबी लेकर किरायेदार की स्कुटी चलाकर वहां से भागे, जबकि गोलू पहले से बीच रास्ते मे स्कूटी चालु करके खडा था। इन लोगो ने गाडियो को बदला अपने कपडे बदले व वहां से गोलू व अनुराग को एक अन्य जगह पर भेज दिया। फिर देवरा देवनारायण स्कूटी छोडने के बाद वापस एक नियत स्थान पर मिले जहां इन लोगो ने लूटी हुई सम्पत्ति का बँटवारा किया और चारो फिर अपने अपने स्थानो के लिये रवाना हो गये।

पुलिस विवेचना के निष्कर्ष

घटना की विवेचना एवं पूछताछ मे पुलिस इस निष्कर्ष पर पहुंची कि इस पूरे घटनाक्रम का मास्टरमाइंड दिलीप देवल है, जो कि मूलतः दाहोद का रहने वाला है और पिछले लगभग डेढ साल से रतलाम मे किराये के मकान मे रह रहा था। इसने सेंटदीप की संचालिका विशाला सोलंकी के माध्यम से (क्योकि दिलीप संचालिका का पूर्व छात्र रह चुका है) रतलाम मे अपनी पहचान बताकर किराये का मकान लिया। उसके बाद उसने महिला के ही माध्यम से विभिन्न लोगो से जान पहचान कर ली। लेकिन आरोपी उस जान पहचान का फायदा उठाकर अपने हिसाब से लोगो को चिन्हित कर लेता है कि कौन सा ऐसा परिवार है, जहां आराम से लूट की घटना की जा सकती है, सम्पत्ति ज्यादा मिलने की संभावना रहती है इत्यादि। साथ ही जहां महिलाए ही हो ताकि उनको ज्यादा प्रतिरोध का सामना नही करना पडे, जहां पर कोई घटना के बाद शिकायतकर्ता या बताने वाला कोई न मिले, ताकि घटना का मुख्य कारण बताने वाला कोई न हो एवं पुलिस को कोई साक्ष्य न मिले।

इसी तरीके से आरोपी ने गोविंद सोंलकी से भी सम्पर्क किया जो हेयरकटिंग का कार्य करते था। आरोपी इनके यहा सेंविग बनवाने जाया करता था और लाॅकडाउन के दौरान भी कई बार ऐसा हुआ कि गोविंद सोलंकी के घर जाकर सेंविग बनवाई। उसके घर आने जाने के दौरान ही गोविंद के घर की गतिविधियो को समझ लिया, घर की परिस्थितियो की घर की सम्पत्ति आदि चीजो को देख लिया। उसके बाद तब से इसके दिमाग मे इस घटना को अंजाम देने की प्लानिंग बनी। आरोपी ने अपने साथी बाॅबी उर्फ अनुराग, गोलू उर्फ गौरव व लाला भाबोर से योजना साझा की। दिवाली के पहले ही इन लोगो ने योजना बना रखी थी और उसके बाद वारदात के लिए छोटी दिवाली दिनांक 25.11.20 को चुना। योजना के तहत 25 नंवबर को घटना करने के पहले ही उसने अपना किराये का मकान 23 नवंबर को खाली कर दिया था। मकान खाली कर अज्ञात जगह पर परिवार शिफ्ट कर दिया। और अन्य आरोपियों के माध्यम से घटना को अंजाम दिया। अभी तक पुलिस ने फरार आरोपी दिलीप देवल के साथ के तीन लोग, जो कि तिहरे हत्याकांड की घटना मे शामिल थे, को गिरफ्तार कर लिया है। इनमें से दो को दाहोद से व एक को रतलाम से ही गिरफ्तार किया है। पुलिस ने घटना के दौरान प्रयुक्त व लूटी गई सामग्री मे से काफी सामग्री को जप्त कर लिया है। लेकिन घटना का मुख्य मास्टर माईन्ड दिलीप देवल अभी भी फरार है।

पुराने अनसुलझे हत्याकांड से निकला संबंध

थाना औ.क्षेत्र रतलाम की ही एक और घटना जो 18.06.20 की घटना है। इसमे मृतिका प्रेमकुंवर की सिर मे गोली मार कर हत्या कर दी गई थी । उस वक्त भी उनके घर पर उनका कोई परिजन नही था। पुलिस ने हत्या का मामला पंजीबद्व किया था वह मामला भी अभी तक अनसुलझा था। चूंकि वारदात का तरीका और दोनो ही घटनाक्रम एक समान था इसलिये पुलिस को पहले दिन से ही इस बात की शंका थी कि हो न हो इन दोनो घटना मे शामिल गिरोह एक ही होगा ।

इस बात पर विवेचना शुरू की गई तो यह तथ्य सामने आये कि इस घटना को भी आरोपी दिलीप देवल ने अपने अन्य साथियो के साथ मिलकर घटना को अंजाम दिया है। वहां भी उक्त महिला से भी आरोपी दिलीप देवल का स्कूल संचालिका विशाला के माध्यम से ही सम्पर्क हुआ था। जब महिला ने जून मे अपना स्कूल बेचा था उस दौरान मृतिका प्रेमकुंवरबाई जो कि इस महिला को काफी पहले से (15 साल से) जानती थी, उसने फोन कर बताया था कि आप चाहे तो मेरे घर मे नीचे चार कमरे खाली है। जहां पर कोई माइक्रो फायनेंस मे काम करने वाला रहता था जो अब खाली करके चला गया है। आप चाहे तो वहां आकर किराये से रह सकते है। उक्त बात विशाला ने अपने भाई व दिलीप जिसे वह अपने बेटे की तरह मानती थी बताया। यह जानकारी मिलने पर दिलीप देवल खुद प्रेमकुँवरबाई के घर गया व मकान देखने के बहाने घर का रैकी किया व महिला से मिला बातचीत किया व समझ गया कि महिला के पास पर्याप्त पैसा व ज्वैलरी है। इसका फायदा उठाया जा सकता है। उक्त बात को दो अन्य साथी सुमित व हेमन्त (इस घटना से अलग एवं जो कि रिश्ते मे दिलीप के बडे पापा के लड़के है) के साथ मिलकर घटना को अंजाम दिया। उक्त घटना मे शामिल दो आरोपियो को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। दोनो घटनाक्रम का मास्टर माईन्ड दिलीप देवल जो एक तरह का साइको किलर है। जो कि लूट की घटना की नियत से घर मे घुसता है व गोली मार कर हत्या करता है। इसका मुख्य उद्देश्य है कि वह कोई साक्ष्य या गवाह नही छोडना चाहता है। इस कारण अधिकतर महिला व ऐसे घर को चिहिन्त करता है जहां कोई प्रतिरोध न कर सके व इसके खिलाफ कोई साक्ष्य न मिल पाये ।

पूर्व में भी हत्याओं का आरोपी है

पुलिस के अनुसार यह जानना भी आवश्यक है कि अभी तक ज्ञात तथ्यो के हिसाब से दिलीप देवल ने कुल 6 हत्याओ को अंजाम दिया है। दो हत्या इसने दाहोद मे एवं 4 हत्याए रतलाम मे की है। यह बहुत कुख्यात व शातिर साइको किलर बदमाश है। पिछले एक सप्ताह से रतलाम पुलिस के लगभग 100 से अधिक पुलिस अधिकारी कमर्चारी जाँच में लगे है। लेकिन आरोपी अब तक लगातार अपनी लोकेशन बदल बदल कर पुलिस को चकमा दे रहा है। इसके गिरफ्तार के लिये पुलिस ने विशेष टीम का गठन कर रखा है और जल्द ही इसे गिरफ्तार किया जावेगा । पुलिस दिन रात इसकी गिरफ्तारी के लिये एक किये हुए है।

अभी तक कुल 5 आरोपी गिरफ्त में

अभी तक देखा जाए तो दोनो घटना को मिलाकर पुलिस ने कुल पांच आरोपियो को गिरफ्तार कर लिया है जो इसके गिरोह के साथी है। इसमे मुख्यतः अनुराग उर्फ बाॅबी, हेमंत जो इसके बडे पापा का लडका है, तीसरा गोलू उर्फ गौरव जो कि चाय की दुकान चलाता है। चौथा लाला भाभोर जो कि दाहोद का रहने वाला है तथा गोलू उर्फ गौरव के बुआ का लडका है और पांचवा सुमित जो कि रतलाम का रहने वाला इनको पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। छठा मास्टर माईन्ड दिलीप देवल जो अभी भी फरार है।

अप.क्र. 602/20 धारा 302 भादवि. व 25/27 आयुध अधिनियम मे गिरफ्तार आरोपी:-
1. अनुराग उर्फ बाॅबी पिता प्रवीणसिंह परमार जाति मेहर (हरिजन) उम्र 25 वर्ष निवासी सेक्टर बी विनोबा नगर, रतलाम थाना औ.क्षेत्र रतलाम म.प्र.
2. गोलू उर्फ गौरव पिता राजेश बिलवाल जाति भील उम्र 22 वर्ष निवासी रेल्वे कालोनी रोड नंबर 07 म.न. 350 रतलाम थाना औ.क्षेत्र रतलाम म.प्र.
3. लाला पिता मनु भाबोर जाति भील उम्र 20 वर्ष निवासी ग्राम अभलोड लिम्बू फल्या थाना जेसवाडा जिला दाहोद गुजरात

अप.क्र. 272/20 धारा 302 भादवि. व 25/27 आयुध अधिनियम मे गिरफ्तार आरोपी:-
4. सुनीत उर्फ सुमीत पिता जितेन्द्रसिंह चैहान जाति राजपूत उम्र 21 साल निवासी गांधी नगर मेन गुजरात मांगलिक भवन के पास, रतलाम थाना औ.क्षेत्र रतलाम जिला रतलाम
5. हिम्मतसिंह पिता रूपसिंह देवल जाति पटेलिया भील उम्र 27 साल नि. एम 40 देवरा देव नारायण कालोनी रतलाम थाना औ.क्षेत्र रतलाम म.प्र. स्थाई पता निवासी ग्राम खेडी डुंगरी फल्या थाना ग्रामीण दाहोद, जिला दाहोद गुजरात

उक्त आरोपियो को गिरफ्तार करने मे गठित एस.आई.टी. सायबर सेल, फोरोसिंक, एफएसएल, फिंगर प्रिन्ट एक्सपर्ट के पुलिस अधिकारी, कर्मचारियो एवं जिले के अन्य थानो के पुलिस अधिकारी एवं कर्मचारियो की महत्वपूर्ण एवं सराहनीय भूमिका रही है।

फरार मास्टरमाइंड का लिए इनाम घोषित

घटना की गंभीरता को देखते हूए पुलिस महानिरीक्षक उज्जैन जोन राकेश गुप्ता द्वारा तीस हजार का ईनाम घोषित किया है। जो भी दिलीप देवल की जानकारी देगा उसको दिया जायेगा जानकारी देने वाले का नाम गोपनीय रखा जावेगा। पुलिस जनता की जानकारी के लिये फरार आरोपी दिलीप देवल का फोटोग्राफ जारी कर रही है। तथा सभी से आग्रह करती है कि जहां पर यह कुख्यात आरोपी दिखे सूचना मिले, उसकी जानकारी तत्काल नीचे दिये नंबरो पर देवे ताकि इसके पुलिस तत्काल गिरफ्तार कर सके ओर यह अन्य घटना को अंजाम न दे सके।

इसका गिरफ्तार होना अत्यंत आवश्यक है। इसमे जनता से आग्रह है कि यह व्यक्ति जहां भी दिखे तत्काल इसकी सूचना पुलिस को दे । यह अपना भेष बदलकर भी रहता है। इसके जितने भी फोटो पुलिस के पास उपलब्ध है। रतलाम पुलिस आपसे साझा कर रही है ओर टेलीफोन नंबर भी साझा कर रहे। जहां भी दिखे इसकी कोई मदद न करे तत्काल आप नजदीकी थाने पर या रतलाम पुलिस के नंबरो पर शेयर करे, सूचना देने वाले का नाम गोपनीय रखा जायेगा।

फरार आरोपी:-
1. दिलीप पिता भावसिंह देवल जाति पटेलिया आदिवासी, निवासी ग्राम खरेडी डुंगरी फल्या थाना ग्रामीण दाहोद जिला दाहोद गुजरात हाल महेश नगर रतलाम

पुलिस को सूचना देने हेतु जारी टेलीफोन/मोबाईल फोन:-

  • पुलिस अधीक्षक, रतलाम – 7049100454,
  • अति.पुलिस अधीक्षक (शहर) – 7049127927,
  • नगर पुलिस अधीक्षक, रतलाम – 7049127295,
  • कन्ट्रोल रूम – 7049162265 
  • थाना प्रभारी औ.क्षेत्र रतलाम – 7049127910
  • टेलीफोन नं. – 07412-270473, 07412-270474, 07412-222223

शातिर अपराधी बनाम मास्टरमाइंड

पुलिस द्वारा उपलब्ध कराई जानकारी के अनुसार घटना का मास्टरमाइंड एवं आरोपी दिलीप देवल बहुत शातिर किस्म का आदमी है। इसने पिछले एक वर्षो मे अपने लिए तीन से अधिक फर्जी आधारकार्ड बनवाये एवं यह लोगो से नाम बदल बदल कर मिलता है। मूलतः इसका नाम दिलीप देवल है, जिसका गुजरात व इसके आस पास के लोगो को पता है। लेकिन यह हिमांशु सोंलकी के नाम से लोगो का अपना परिचय देता है। मकान, प्रापर्टी आदि का सौदा हिमांशु सोलंकी के नाम से करता है। इसने तीसरा आधार कार्ड गुजरात से अनुपम शर्मा के नाम से बनवा कर रखा है तथा इस नाम से भी लोगो का अपना परिचय देता है। कई सारे फर्जी सिम, फेक आईडी इसने हिमांशु सोलंकी, अनुपम शर्मा के नाम से बना रखा है। कई लोगो से पूछताछ के दौरान प्राप्त कथन मे लोगो ने इसका नाम अनुपम शर्मा, हिमांशु सोंलकी बताया है। इस पर प्रापर्टी के लिये फर्जी रजिस्ट्री बनाना एवं जमीन मालिक को धमका कर कब्जा दिलाना इत्यादि आरोप भी है।

यह कुख्यात आरोपी दाहोद से लगभग दो वर्ष पूर्व से पेरोल पर से फरार है। दाहोद मे इसने व्यापारी की सिर मे गोली मार कर हत्या की थी, उस मामले मे इसे आजीवन कारावास की सजा हुई थी। वहां से पेरोल पर छुटने के दौरान पेरोल पर से जम्प करके फरार हो गया व यह अपने परिजन व साथियो की मदद से सम्पर्क बनाकर व किराये का मकान रहकर रह रहा था। दिलीप देवल के खिलाफ 3 मामले दाहोद मे पंजीबद्व है। दो मामले हत्या के एवं एक मामला पेरोल जम्प का है। रतलाम मे भी शुरू मे कुछ वर्ष इसने सेंटदीप स्कूल मे पढाई की है। तब ही यह स्कूल संचालिका विशाला सोलंकी से पहचान बनाई । वर्ष 2009 मे थाना औ.क्षेत्र. रतलाम मे धारा 366, 376, 506 भादवि के खिलाफ मामला पंजीबद्व हुआ था। इसके अलावा 4 हत्या जो अभी किये है।