खुशखबरः फरवरी से हवाई यात्री उड़ान में कर सकेंगे फोन, इंटरनेट का इस्तेमाल

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फाइल फ़ोटो

हवाई यात्रा के दौरान आपको डाटा और वॉइस की सुविधा का इस्तेमाल करने का मौका आगामी फरवरी से मिलेगा। चार कंपनियों ने इन-फ्लाइट कनेक्टिविटी सेवाएं मुहैया कराने के लिए दूरसंचार विभाग में आवेदन किया है।

फरवरी के दूसरे हफ्ते तक इन कंपनियों को विभाग द्वारा लाइसेंस जारी कर दिया जाएगा। टाटा टेलीनेट, ह्यूजेस इंडिया, सरकारी कंपनी बीएसएनएल और ओमिनी कनेक्ट ने दूरसंचार विभाग में लाइसेंस के लिए आवेदन किया है।

सरकार ने पिछले साल 14 दिसंबर को इन फ्लाइट कनेक्टिविटी पर दिशा निर्देश जारी किए थे, जिसमें लाइसेंस फीस मात्र एक रुपये रखी गई थी। एयरलाइंस कंपनी स्पाइसजेट और इंडिगो ने हवाई यात्रा के दौरान देश में डाटा और वॉइस की सुविधा शुरू करने में रुचि दिखाई थी।

दोनों कंपनियां अब यह सेवाएं देने की तैयारी कर रही हैं। एयरलाइंस कंपनियों को इसके लिए लाइसेंस प्राप्त करने वाली कंपनी के साथ करार करना है, जो फरवरी के दूसरे सप्ताह के बाद मुमकिन होगा। 

मसले सुलझाने के लिए एक समिति

दूरसंचार मंत्रालय ने इन-फ्लाइट कनेक्टिविटी के मसले सुलझाने के लिए एक समिति का गठन भी किया है। यह समिति इन फ्लाइट कनेक्टिविटी के क्रियान्वयन में विभिन्न स्तरों पर मदद करेगी। इससे पहले सुरक्षा को ध्यान में रखकर विभाग समेत दूरसंचार आयोग ने यह सेवा मुहैया कराने में देसी सेटेलाइट का उपयोग करने को कहा है।

जो ट्राई की सेवा के मुहैया कराने में विदेशी सेटेलाइट और गेटवे के इस्तेमाल की सिफारिश के खिलाफ है। साथ ही विमान के समुद्र और जमीन से निर्धारित ऊंचाई 3,000 मीटर से ऊपर पहुंचने पर सेवा शुरू की जाएगी।

करीब 30 विदेशी विमानन कंपनियां भारतीय हवाई सीमा से इतर कई देशों में इन-फ्लाइट कनेक्टिविटी मुहैया कराती हैं। इनमें एयर एशिया, एयर फ्रांस, ब्रिटिश एयरवेज समेत अन्य विमानन कंपनियां हैं। मौजूदा समय भारतीय हवाई क्षेत्र के संबंध में स्पष्ट दिशानिर्देश और क्रियान्वयन नियम नहीं होने की वजह से यह सेवाएं बंद हो जाती हैं। विभाग का कहना है कि एयरलाइंस कंपनियों को आय का नया जरिया मिलेगा।