राजस्थान में नौकरी और शिक्षण संस्थानों में आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे गुर्जरों ने अपना प्रदर्शन खत्म कर दिया है. इसी के साथ गुर्जर आंदोलन की समाप्ती भी हो गई है. आंदोलन कर रहे गुर्जर समाज के लोग और नेता दिल्ली मुंबई रेल लाइन से हट गए हैं|
Gujjar leader Kirori Singh Bainsla: The agitation concludes today in the interest of the nation. I request that all the blockades across Rajasthan be removed immediately. pic.twitter.com/X1JGpGHzxc
— ANI (@ANI) February 16, 2019
सरकारी ड्राफ्ट लेकर शनिवार सुबह महापड़ाव स्थल मलारना डूंगर पहुंचे पर्यटन मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने गुर्जरों की मांगों को पूरा करने वाले सरकारी ड्राफ्ट को गुर्जर संघर्ष समिति को सौंपा. ड्राफ्ट का अध्ययन करने के बाद संघर्ष समिति के संयोजक कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने आंदोलन को समाप्त करने की घोषणा की.
आंदोलन खत्म करने की घोषणा करते हुए गुर्जर नेता किरोड़ी सिंह बैंसला ने कहा कि प्रदर्शन को खत्म करने का निर्णय देश हित में लिया गया है. उन्होंने कहा कि मैं निवेदन करता हूं कि पूरे राजस्थान में जहां भी प्रदर्शन चल रहा है, उसे तत्काल खत्म किया जाए.
शनिवार को कर्नल किरोड़ी बैसला ने कहा देश बहुत नाजुक दौर से गुजर रहा है. कुछ सैनिक शहीद हुए हैं. ट्रैक रोकना बड़ी बात नहीं है. मुख्यमंत्री से हमारी बात हो चुकी है. हमें आरक्षण मिल रहा है.
पांच फीसदी आरक्षण की मांग को लेकर राजस्थान के गुर्जर पिछले 9 दिनों से प्रदर्शन कर रहे थे. पांच फीसदी आरक्षण की मांग को लेकर गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के नेतृत्व में गुर्जर आंदोलनकारी पिछले नौ दिन से दिल्ली-मुंबई ट्रैक पर महापड़ाव डाले हुए थे. इसके साथ ही आंदोलनकारियों ने कई जगह राजमार्गों को भी जाम कर रखा था.
विधानसभा में विधेयक व शासकीय संकल्प पारित हुआ था
गुर्जरों की मांग को देखते हुए पिछले बुधवार को राज्य सरकार ने विधानसभा में इसका विधेयक पारित करवाया था. उसके बाद बुधवार रात को ही राज्यपाल ने इस विधेयक को मंजूरी दे दी थी. इस विधेयक के साथ ही राज्य विधानसभा ने विधेयक को संविधान की 9वीं अनुसूची में शामिल कराने के लिए एक शासकीय संकल्प भी ध्वनिमत से पारित किया था.
उसके बाद आईएएस नीरज के पवन विधेयक, शासकीय संकल्प-पत्र और नोटिफिकेशन की प्रतियां लेकर महापड़ाव स्थल गए थे. पवन ने तीनों की प्रतियां कर्नल बैंसला को सौंप दी थी. बाद में संघर्ष समिति ने इनका अध्ययन कर कुछ बिंदुओं पर सरकार से पुख्ता आश्वासन मांगा था. इसको लेकर शुक्रवार को समिति और सरकार के प्रतिनिधियों के बीच वार्ता हुई थी. वार्ता के बाद सरकार ने उन पर सहमित जताते हुए इसका सरकारी ड्राफ्ट तैयार कराया है.