अन्नदाताओं को नेताओं के चरणों में बिठाकर किसान ऋण माफी योजना का शुभारंभ हुआ रतलाम (नामली) से, जानिए क्या है पूरा मामला?

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News By-विवेक चौधरी (ब्यूरों चीफ)

(www.newsindia365.com

रतलाम। नवनिर्वाचित प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी जयकिसान ऋण माफी योजना का शुभारंभ रतलाम जिले की नामली से प्रारंभ हुआ। मुख्यमंत्री कमलनाथ, प्रदेश कृषि एवं रतलाम जिला प्रभारीमंत्री सचिन यादव, रतलाम झाबुआ सांसद कांतिलाल भूरिया, सैलाना विधायक हर्षवर्धन गहलोत, आलोट विधायक मनोज चावला सहित अनेक कांग्रेसी नेताओं की उपस्थिति में नामली के कृषि उपज मंडी प्रांगण में बनाए गए सभागृह में किसानों को सांकेतिक रूप से प्रमाण पत्र वितरित किए गए। जिले के लगभग 44000 किसानों के लिए लगभग 134 करोड रुपए रुपए के ऋण माफी की घोषणा की गई। मुख्यमंत्री कमलनाथ में अपने लगभग 8 मिनट के उद्बोधन में कहा कि कांग्रेस के वचन पत्र में किसानों की ऋण माफी का जो वादा किया है वह सरकार बनने के 57 दिनों में पूरा होने जा रहा है। भाजपा सरकार के समय किसान आत्महत्या कर रहे थे। महिला अपराध और बेरोजगारी बढ़ रही थी। जिसे बदलकर हम विकास का नया नक्शा बनाएंगे। हम काम से से जनता के दिल में विश्वास बनाएंगे। हम घोषणाओं और विज्ञापनों में विश्वास नहीं करते है, काम करने में भरोसा रखते हैं। प्रदेश में 15 वर्ष के बाद कांग्रेस की सरकार बनने के बाद रतलाम जिले में यह पहला बड़ा कार्यक्रम था, जिसमें अव्यवस्थाएं अपने चरम पर नजर आई। प्रशासन भी बदली हुई सरकार के नेताओं के सामने नतमस्तक नजर आया। मीडिया और किसान दोनों ही हैरान परेशान होते हुए नजर आए होते हुए नजर आए। मंच पर कोई प्रोटोकॉल नही था। यद्यपि कर्ज माफी का मुद्दा किसानों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है और प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के पीछे यह एक महत्वपूर्ण वजह भी रही है। आने वाले लोकसभा में किसानों को साधने एवं अपने साथ बनाए रखने के लिए मुख्यमंत्री ने लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को जीत दिलाने का भी किसानों से वादा लिया। आपको बता दे कि प्रदेश में बहुचर्चित किसान आन्दोलन रतलाम जिले के डेलनपुर से प्रारंभ हुआ था। जिसके चलते जिले के कई किसान नेताओं को जेल भी जाना पड़ा था।

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कार्यक्रम की प्रमुख झलकियाँ

  • विदेश में सरकार बनाने के बाद जिले में कांग्रेस का पहला बड़ा कार्यक्रम था, जिसमें वह भीड़ जुटाने में कामयाब रही।
  • सत्ता में आने के साथ ही सारे कांग्रेसी नेता एक जगह एक मंच पर नजर आए लेकिन जिले के दिवंगत नेताओं की का का स्मरण नहीं रहा।
  • सुरक्षा के भारी इंतजाम थे, लेकिन वह सिर्फ किसानों और दर्शकों के लिए ही थे। मीडिया परेशान होता रहा।
  • सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस ज्यादा सतर्क थी। सभा स्थल पर आने वालों की मेटल डिटेक्टर से जांच की गई। जेब के बीड़ी सिगरेट माचिस पानी की बोतलें गुटके आदि भी निकाल लिए गए।
  • मंच पर नेताओं की भारी भीड़ हो गई थी एवं मुख्यमंत्री प्रोटोकोल कहीं भी नजर नहीं आया।
  • अन्नदाताओं के ऋण माफी योजना का शुभारंभ उन्हें नेताओं के चरणों में बिठाकर शुरू किया गया।
  • कांग्रेस का वचन पत्र वचन पत्र में सरकार बनने के 10 दिन के भीतर ही कर्जा माफ करने की घोषणा की गई थी। जिसकी घोषणा तो की गई लेकिन ऋण माफी के राशि का हस्तांतरण हस्तांतरण 22 फरवरी से प्रारंभ हुआ है।
  • अनुमान के हिसाब से प्रदेश के लगभग 50 लाख किसानों का 40 हजार करोड़ रुपयों का कर्जा माफ किया जाएगा। जिसमें रतलाम जिले के लगभग 44 हजार किसानों को का 134 करोड़ रुपयों का कर्जा माफ किया जाएगा।
  • प्रत्येक किसान के 2 लाख रुपये तक के कर्ज माफ करने की घोषणा की गई थी, जिसमें प्रदेश सरकार का प्रयास है कि 1 मार्च तक लगभग आधे किसानों के 10 हजार करोड़ रुपए का कर्जा माफ माफ किया जा सके।
  • प्रदेश सरकार कर्ज माफी के राशि की व्यवस्था कहां से करेगी यह अभी स्पष्ट नहीं है। कांग्रेस प्रवक्ता मुनव्वर कौसर से पूछे गए सवाल में उन्होंने यह कहा कि आप और हम मिलकर इसकी व्यवस्था करेंगे। किसान अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी है इसलिए उसका पोषण करना सबसे अधिक जरूरी है।
  • मुख्यमंत्री कमलनाथ मीडिया से बिना मिले चले गए तथा कई स्थानीय नेता भी उनका स्वागत नहीं कर पाए, जिसकी वजह से सभा स्थल पर लोगों की नाराजगी नजर आई।
  • महू नीमच फोर लेन हाईवे के पास बने सभागृह पर अत्यधिक भीड़ होने की वजह से आने जाने वाले वाहन परेशान होते रहे। पुलिस जगह-जगह बैरिकेड लगाकर उन्हें रोकती एवं एवं छोड़ती रही।
  • विगत विधानसभा चुनाव में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले दिव्यांगों को उपेक्षा का शिकार होना पड़ा। वे मंडी गेट पर मुख्यमंत्री से अपनी मांगो एवं समस्याओं के लिए मिलने का इंतजार करते रहे धूप में घंटों तक तक खड़े रहने के बाद भी उन्हें निराशा निराशा हाथ लगी।
  • नामली उप मंडी को मंडी बनाने, रतलाम जिले को संभाग बनाने बनाने, नामली को तहसील बनाना, महिला इंजीनियरिंग कॉलेज, अल्कोहल प्लांट की जमीन पर नया औद्योगिक विकास करना, माही का पानी लाना इत्यादि जैसी पानी लाना इत्यादि जैसी अनेक मांगे मुख्यमंत्री से की गई। जिस पर मुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं घोषणा नहीं करता पर जिले की जनता को निराश भी नहीं करूंगा।
  • कांग्रेस सांसद के पुत्र तथा झाबुआ से कांग्रेस के हारे हुए प्रत्याशी डॉ विक्रांत भूरिया का मुख्यमंत्री के इर्द-गिर्द घूमते तथा मंच पर प्रथम पंक्ति में नजर आए। 1 दिन पूर्व प्रशासन से व्यवस्था की जानकारी भी लेते रहे। वे यह कार्य किस पद पर रहते हुए कर रहे हैं यह लोगों में चर्चा का विषय बना रहा।