शहर के नामी-गिरामी निजी स्कूल की नाबालिग छात्रा के साथ गैंगरेप, विरोध में लगाया जाम, उपजा आक्रोश, जानिए क्या है पूरा मामला?

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News By – विवेक चौधरी, नीरज बरमेचा, रितेश गुप्ता 

(www.newsindia365.com) रतलाम। बुधवार को शहर के नामी गिरामी निजी स्कूल की छात्रा के साथ उसी की कक्षा में पढ़ने वाले 2 छात्रों द्वारा गैंगरेप की घटना प्रकाश में आने से सनसनी फैल गई। घटना शहर के नामी-गिरामी स्कूल की छात्रा की होने से लोगों में तुरंत चर्चा का विषय बन गई। पीड़िता द्वारा रिपोर्ट करने पर यह ज्ञात हुआ कि आरोपी पीड़िता की कक्षा में ही पढ़ता है। इस मामले के प्रकाश में आने के बाद दोपहर को अभाविप से जुड़े सैकड़ो छात्र-छात्राओं ने घटना के विरोध में और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग करते हुए दोबत्ती थाने के बाहर चक्काजाम कर दिया, जो करीब दो घंटे तक चला। प्रदर्शकारियों ने मांग की कि घटना के जिम्मेदारों तथा शामिल सभी लोगो के खिलाफ तुरंत गिरफ्तारी हो। तेज बारिश में भी प्रदर्शनकारी डटे रहे और एसपी गौरव तिवारी के ज्ञापन लेने आने के बाद चक्का जाम समाप्त हुआ। अब कल कई संगठन इस घटना के खिलाफ अपने अपने तरीके से विरोध दर्ज करेंगे। आरोपियों के अल्पसंख्यक समुदाय के होने से शहर में कुछ समय के लिए विभिन्न प्रकार की चर्चाओं का माहौल बन गया। लोग एक दूसरे से जानकारी लेने लगे।

क्या है मामला?
प्राप्त जानकारी के अनुसार शहर के एक ख्यातनाम अंग्रेजी निजी स्कूल की चौदह वर्षीय बालिका ने पुलिस में शिकायत दर्ज की कि उसके साथ उसी की कक्षा में पढ़ने वाले एक छात्र द्वारा अपने मोबाइल में छात्रा का फोटो दिखाकर धमकाया गया। फोटो को वायरल करने की धमकी देकर उससे मिलने की मांग की। तथा पीड़िता पर दवाब बनाने लगा। इसके बाद 9 सितंबर को आरोपी छात्र ने बालिका को फोन लगाकर कहा कि वह अपने एक दोस्त के साथ उसके घर आ रहा है। आरोपी छात्र अपने एक साथी को लेकर बालिका के घर पहुंचा, उस समय बालिका घर में अकेली थी। उसे अकेला पाकर दोनो आरोपियों ने उसके साथ दुष्कर्म किया। जिससे छात्रा को काफी ब्लीडिंग भी हुई। इस घटना के करीब दस दिन बाद 19 सितंबर को फिर आरोपी ने छात्रा को फोन किया और उसे स्टेशन रोड स्थित एक होटल में बुलाया। होटल में उसके साथ फिर से रेप किया। बार बार रेप किए जाने से बालिका की स्थिति बिगड़ गई। उसकी तबियत खराब होने लगी। जब तीसरी बार आरोपी ने पुनः फ़ोन कर दवाब बनाया तो उसने पूरी घटना की जानकारी अपने पालक को दी। छात्रा के साथ हुए गैंगरेप की सूचना पुलिस को मिलने पर पुलिस थाना औद्योगिक क्षेत्र पर आरोपियों के विरुध्द बलात्कार और पाक्सो एक्ट के तहत आपराधिक मामला दर्ज किया गया है। सूत्रों के अनुसार पुलिस ने दोनो आरोपियों की गिरफ्तार कर लिया है। और उन पर 452, 384, 506, 376 की विभिन्न धारा सहित अन्य धाराएं लगाई है।

घटना से उपजा आक्रोश, छात्र संगठन ने किया विरोध
घटना के विरोध में और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग को लेकर दोपहर में ही अभाविप के नेतृत्व में सैकड़ो छात्र छात्राओं ने दोबत्ती थाने के पास कन्या महाविद्यालय के बाहर चक्का जाम कर दिया। आक्रोशित प्रदर्शनकारी नारेबाजी कर अपनी मांग रखने लगे। इसी बीच पुलिस ने भी भारी बल लगा दिया। करीब दो से अधिक घंटे तक प्रदर्शन चलता रहा और पुलिस प्रशासन की तरफ एएसपी इंद्रजीत बाकलवाल तथा एसडीएम लक्ष्मी गामड़ मौके पर उपस्थित हुए। एएसपी ने छात्रों को समझाया और निष्पक्ष कार्यवाही का आश्वासन दिया। लेकिन प्रदर्शनकारी डटे रहें। भारी बारिश भी उनके हौंसले को डिगा नहीं पाई। अंततः पुलिस अधीक्षक गौरव तिवारी शांति समिति की बैठक के बाद वहाँ पहुंचे व प्रदर्शन करने वाले विद्याथियों से ज्ञापन लिया। एसपी ने बताया कि दोनों आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है और निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया। इसके बाद चक्काजाम समाप्त हुआ।

प्रशासन पर अविश्वास की वजह
प्रदर्शन स्थल पर चर्चा चलती रही कि आरोपी अल्पसंख्यक समुदाय है और उनके पक्ष के लिए एक कांग्रेस नेत्री माहौल बना रही है। साथ ही पीड़िता के साथ बलात्कार के जगह में स्टेशन रोड स्थित एक निजी होटल के कमरे का उपयोग किया गया। होटल एक रसूखदार कांग्रेसी नेता की संपत्ति है, जिसे लीज पर दिया जाना बताया जा रहा है। यह नेता प्रदेश से लेकर देश की राजधानी तक पकड़ रखने वाले कद्दावर कांग्रेसी नेता के विश्वस्त माने जाते है। जिसकी वजह से जांच प्रभावित हो सकने की आशंका प्रदर्शनकारियों ने व्यक्त की।

पुलिस की चूक और सिंघम से बढ़ती अपेक्षाएं
वारदात के लिए निजी होटल का कमरा स्थानीय नाबालिगों को उपलब्ध होना जाँच का एक महत्वपूर्ण विषय है। यह पुलिस की बड़ी चूक भी है क्योंकि वह इस बात की नियमित रूप से जानकारी लेती रहती है कि होटल में ठहरने वालो की पुख्ता जानकारी रखी जाए। दबी जुबान में मिली भगत के भी आरोपात्मक चर्चा होती रही। साथ ही सिंघम के नाम से मशहूर पुलिस अधीक्षक गौरव तिवारी से शहर की जनता की काफी अपेक्षाएं हैं। उनकी छवि एक सख्त और स्वच्छ पुलिस अधिकारी की है।बताया जा रहा है कि वह अपने स्तर पर सुधार का बहुत प्रयास कर रहे हैं लेकिन उनकी नाक के नीचे ही ऐसी हरकतें हो जाती है कि उन्हें जवाब देना भारी पड़ता है। पूर्व में भी छात्र एवं हिन्दू संगठनों के कार्यकर्ताओं एवं पदाधिकारियों के साथ मारपीट का मामला भी काफी आगे बढ़ा था और संसद तक इसकी आवाज़ उठाई गई थी।

बाहर प्रदर्शन और अंदर शांति समिति की बैठक
जब दोबत्ती थाने के बाहर प्रदर्शनकारी प्रदर्शन कर रहे थे तब जिलाधीश रुचिका चौहान एवं पुलिस अधीक्षक गौरव तिवारी जिले के आला अधिकारियों के साथ मिलकर शहर की शांति समिति के साथ बैठक कर रहे थे। प्रदर्शनकारी जिलाधीश एवं पुलिस अधीक्षक को मिलने की मांग कर रहे थे लेकिन बैठक के बाद जिलाधीश रुचिका चौहान अपने वाहन में बैठकर सीधे चली गई, वहीं पुलिस अधीक्षक गौरव तिवारी प्रदर्शनकारियों से मिलने के लिए आये। बाहर अशांति में अंदर शांति समिति की बैठक चर्चा का विषय बनती रही।

सोशल मीडिया पर आक्रोश
घटना की खबर लगते ही सोशल मीडिया पर चर्चाएं तेजी से होने लगी। पीड़िता के निजी स्कूल में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के पालक संघ के सदस्यों में सोशल मीडिया पर अपने बच्चों की सुरक्षा और भविष्य कप लेकर चिंता व्यक्त की जाने लगी। साथ ही सोशल मीडिया आरोपियों के लेकर भी जबरदस्त आक्रोश था। स्कूल की जिम्मेदारियों से लेकर पुलिस प्रशासन एवं पालकों की जिम्मेदारियों पर भी चर्चा होती रही। घटना की एकस्वर सभी जगह निंदा हो रही थी। गुरुवार को कुछ संगठनों द्वारा घटना के विरोध में प्रदर्शन और ज्ञापन की भी खबर रही जिसमे हिन्दू संगठनों द्वारा सम्मिलित रूप से 11 बजे महलवाड़ा से पैदल शांति मार्च तथा अभाविप द्वारा सुबह स्कूल कॉलेज बन्द का आव्हान विशेष रहा।