एक बार फिर वकीलों ने जिला प्रशासन को सूचना पत्र भिजवाया, जानिए क्या है मामला?

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News By – विवेक चौधरी

रतलाम। जिला प्रशासन और जिला अभिभाषक संघ के सदस्यों के बीच एक बार पुनः मामला आमने-सामने होते नज़र आ रहा है। देखना है कि इस बार जिला प्रशासन क्या कार्यवाही करता है? विगत में नाबालिग दुष्कर्म पीड़िता के पक्ष में जिला अभिभाषक संघ ने एकजुट होकर पुलिस प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोला था। जिससे जिला पुलिस को असहज स्थिति का सामना करना पड़ा था और एक माननीय न्यायाधीश को भी खेद व्यक्त करना पड़ा था। उसके पश्चात नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में हुई ऐतिहासिक रैली के पश्चात 38 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करने पर 11 अभिभाषकों ने जिला कलेक्टर एवं एचपी को सूचना पत्र देकर पक्षपातपूर्ण कार्यवाही करने वाले अधिकारी कर्मचारियों पर कार्रवाई करने का अनुरोध किया था। रैली विशाल किंतु शांतिपूर्ण ढंग से संचालित हुई थी। लेकिन प्रशासन ने बिना अनुमति रैली निकालने पर मामला दर्ज किया था। जबकि नागरिकता संशोधन कानून का विरोध करने वालों के खिलाफ प्रशासन ने उस वक्त तक कोई मामला दर्ज नहीं किया था। संभवतः इस पत्र के पश्चात ही प्रशासन को विरोध प्रदर्शन करने वालो के खिलाफ मामला दर्ज करना पड़ा था।

अब इस बार जिला अभिभाषक संघ के सदस्यगण राकेश शर्मा, दीपक जोशी, विरेंद्र पाटीदार, शैलेंद्र सिंह राठौर, भरत निगम, धीरज शर्मा, गोपाल वासनवाल, हेमंत शर्मा, सांवलिया पाटीदार, प्रीति सोलंकी एवं हेमा निरंजनी ने पुनः जिला कलेक्टर को सूचना पत्र के माध्यम से आग्रह किया है कि आगामी गणतंत्र दिवस को देखते हुए शहर से धारा 144 तुरंत समाप्त की जाए। उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय के धारा 144 के संदर्भ में दिए गए वक्तव्य का भी उदाहरण देते हुए जिला प्रशासन से आग्रह किया है कि धारा 144 से लागू होने की वजह से आगामी गणतंत्र दिवस पर को उत्साह पूर्ण मनाए जाने को लेकर संशय रहेगा। नागरिक राष्ट्रीय गान और राष्ट्रीय ध्वज फहराकर हर्षोल्लास के साथ राष्ट्रीय गौरव पर्व मनाना चाहते है लेकिन शहर में लागू धारा 144 की वजह से नागरिकों में संशय एवं भय है। अतः इसे शीघ्रातिशीघ्र समाप्त किया जाए। ज्ञातव्य है कि रतलाम में लंबे समय से अलग अलग कारणों के मद्देनजर धारा 144 लागू रही है, जो अभी भी लागू है। यह देखना दिलचस्प होगा कि कानून के जानकारों से आमना सामना होने पर होने पर जिला प्रशासन अब क्या कदम उठाता है?