प्राच्य और पाश्चात्य के योग से होगी बेला मेंटे स्कूल की शिक्षा व्यवस्था, रतलाम में हुआ आधुनिक प्री स्कूल का उद्घाटन

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News by – नीरज बरमेचा/ विवेक चौधरी

रतलाम। अब रतलाम के नौनिहालों को भी प्राच्य एवं पाश्चात्य के संयोग से बनी शिक्षा पद्वति से शिक्षा मिलेगी। और इस प्रकार की शिक्षा देने का दायित्व गुड़गांव की बेला मेंटे संस्था द्वारा रतलाम में उठाया जाएगा। बेला मेंटे प्रीस्कूल की सोमवार को रतलाम में स्कूल की शुरुआत की गई। उद्घाटन के अवसर पर रतलाम रेंज के डीआईजी गौरव राजपूत एवं पूर्व महापौर पारस सकलेचा उपस्थित थे। स्कूल के केंद्रीय संचालक डॉ अजय शर्मा डॉक्टर सौरभ माहेश्वरी श्री विकास पांडे एवं श्री विजय शर्मा भी उपस्थित रहें।

संस्था डायरेक्टर डॉ अजय शर्मा ने बताया कि बेला मेंटे प्रारंभिक शिक्षा के क्षेत्र में एक ऐसा नवाचार है, जो की शिक्षा पद्धति में बड़ा बदलाव सिद्ध होगा। यद्यपि बेला मेंटे नाम एवं अवधारणा पश्चात सभ्यता से लिया गया है जिसका अर्थ होता है “खूबसूरत दिमाग” किंतु इसके साथ भारतीय प्राचीन वेदों की शिक्षा का भी शिक्षण में समावेश रहेगा। बच्चों को शिक्षा के साथ संस्कार भी दिए जाएंगे। डॉ सौरभ माहेश्वरी ने बताया कि इस स्कूल में जो शिक्षा दी जाएगी वह गहन शोध एवं अनुभव के आधार पर की तैयार की गई हैं। जिसमे लगातार सकारात्मक एवं प्रगतिशील बदलाव होंगे। इसमें बच्चों को अपने पास के वातावरण से भी सिखाया जाएगा। संचालक विकास पांडेय ने बताया कि दिल्ली से आई प्रशिक्षकों की टीम ने रतलाम के स्टाफ को प्रशिक्षित किया है। तथा बच्चों के अभिभावकों से भी संवाद बनाकर रखा जाएगा। रतलाम संस्था संचालक विजय शर्मा में बताया कि यह स्कूल रतलाम के लिए मील का पत्थर साबित होगा। वैसे भी रतलाम में एक अच्छे प्रीस्कूल की कमी महसूस की जा रही थीं, जिसकी पूर्ति बेला मेंटे बखूबी से करेगा। अब हम रतलामवासियो को महानगरों जैसी शिक्षा के लिए अन्य शहरों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। रतलाम में बेला मेंटे स्कूल की शाखा सैलाना रोड स्थित अखण्ड ज्ञान आश्रम के पास बने संस्थान पर संचालित होगी।