News By – नीरज बरमेचा
www.newsindia365.com रतलाम 04 अगस्त 2020/ प्राइवेट अस्पतालों में आने वाले मरीजों को जो भी तकलीफ हो, उसका समुचित उपचार सुनिश्चित किया जाए। किसी मरीज को इधर से उधर भटकना नहीं पड़े, डॉक्टर का जॉब मानव सेवा है। डॉक्टर संवेदनशीलता के साथ बीमारी से ग्रस्त मरीजों का उपचार करें। यह निर्देश कलेक्टर रुचिका चौहान ने मंगलवार शाम आयोजित बैठक में दिए।
कलेक्टर ने सख्त लहजे में कहा कि प्रशासन सभी प्रकार के मरीजों को सुव्यवस्थित उपचार दिलाने के लिए दृढ़ संकल्पित है, लापरवाही उजागर होने पर दंडित किए जाने में देर नहीं की जाएगी। कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित बैठक में एसडीएम सिराली जैन, सीएमएचओ डॉ. प्रभाकर ननावरे, सिविल सर्जन डॉक्टर आनंद चंदेलकर, आईएमए अध्यक्ष डॉ.राजेश शर्मा, उपाध्यक्ष डॉक्टर गोपाल यादव, डॉक्टर दीनदयाल काकानी, जीएमसी के डॉक्टर ध्रुवेंद्र पांडे, डॉक्टर मनीष गुप्ता आदि उपस्थित थे।
कलेक्टर ने निर्देश दिए कि कोरोना प्रोटोकाल का पालन करते हुए प्राइवेट अस्पतालों में आने वाले मरीजों के उपचार में देरी नहीं की जाए, प्राइवेट डॉक्टर्स को जो भी मदद चाहिए वह जिला अस्पताल तथा मेडिकल कॉलेज प्रबंधन से दी जाएगी परन्तु उनके यहाँ आने वाले मरीज का उचित उपचार हो। कोई भी लापरवाही नही की जाए। कलेक्टर ने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा सुनिश्चित किया गया है कि प्राइवेट डॉक्टर्स जिला चिकित्सालय तथा मेडिकल कॉलेज के मध्य सुनियोजित ढंग से समन्वय हो। प्राइवेट अस्पतालों नर्सिंग होम में यदि मरीज के लिए कोई जांच सुविधा नहीं उपलब्ध हो तो वह सुविधा जिला चिकित्सालय या जीएमसी से उपलब्ध कराई जाएगी। समन्वय के संबंध में आवश्यक होने पर कोर ग्रुप बनाया जाएगा और ग्रुप में प्राइवेट डॉक्टर के साथ जीएमसी एवं जिला चिकित्सालय के डॉक्टर सम्मिलित रहेंगे।