COVID19RATLAM – बढ़ते कोरोना पॉजिटिव और घटती पारदर्शिता, कैसे निपटेंगे इस महामारी से??

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News By – विवेक चौधरी

● अप्रैल में नए पॉजिटिव 14, मृत्यु – 0
● मई में नए पॉजिटिव 23, मृत्यु – 1
● जून में नए पॉजिटिव 121, मृत्यु – 5
● जुलाई में नए पॉजिटिव 241, मृत्यु – 3,
● अगस्त में नए पॉजिटिव 556, मृत्यु – 10
● 4 सितंबर तक नए पॉजिटिव 140, मृत्यु – 3

रतलाम, 5 सितम्बर 2020। कोरोना महामारी का अब व्यापक असर रतलाम में भी देखने को मिल रहा है। 4 सितंबर रात तक जिले में कुल पॉजिटिव 1095 हो गए है तथा सरकारी कोरोना बुलेटिन के अनुसार 22 पॉजिटिव मरीजों की मृत्यु हो चुकी है। अगस्त में 556 नए मामले सामने आए तो सितंबर के पहले ही 4 दिन में 140 नए पॉजिटिव केस मिले है। संक्रमण की रफ्तार बढ़ती जा रही है। जहाँ कोरोना संक्रमण के विस्तार हुआ है वहीं कोविड-19 की प्रक्रिया में पारदर्शिता का अभाव नज़र आने लगा है। जिले में अब कोविड संबंधित जानकारियां पहले की तुलना में कम उपलब्ध कराई जा रही है। पता नहीं कि नए साहब का आदेश है या उनके और अधीनस्थों के बीच संवादहीनता? यह भी संभावना है कि कोविड टीम के कुछ लोग अपनी जादूगरी दिखा रहे हो? जो भी हो प्रशासन को मीडिया को भी साथ लेकर चलना चाहिए। मीडिया के माध्यम से नागरिकों तक प्रशासन की बात पहुँचती है।

राज्य और जिले के कोरोना बुलेटिन का अंतर शुरू से रहा है, लेकिन अभी भी उस पर स्पष्टीकरण देना वाला कोई नहीं मिलेगा। ऐसा प्रतीत होता है कि जिले के कोरोना मरीजों की मृत्यु की जानकारी देना इन्हें पसंद नहीं। एक बड़े अखबार के मुताबिक 3 तारीख की रात तक मृत्यु के आँकड़े 23 हो गए है लेकिन सरकारी बुलेटिन 4 की रात तक 22 पर ही अटका है। जानने की कोशिश करो तो जानकारी का अभाव बताया जाता है लेकिन जानकारी जुटाने की कोई चेष्टा दिखती तो नहीं है। पहले स्वस्थ हुए मरीजों की जानकारी दी जाती थी अब बुलेटिन में एक लाइन लिखकर पल्ला झाड़ लिया जाता है। पहले नए पॉजिटिव मरीजों के संदर्भ में बताया जाता था कि वे कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग से, फीवर क्लिनिक से अथवा अन्य कारणों से संक्रमित हुए है। लेकिन अब कौन कहाँ से किस उम्र का है, मात्र यह बताकर छुट्टी पा ली जाती है। बढ़ती संक्रमण संख्या से कोविड संबंधी व्यवस्था चरमराने का अंदेशा भी लगातर बना हुआ है। बाजार खुले है, अनेक लोग बिना मास्क के देखे जा सकते है। कई दुकानों पर भीड़ लगी नज़र आती है। ऐसे में SMS (सेनेटाइजर, मास्क, सोशल डिस्टेंस) को प्रभावी तरीके से लागू करना अत्यावश्यक हो गया है।

चलते चलते…

आज शिक्षक दिवस है और शिक्षा क्षेत्र से जुड़े सभी शिक्षक, शिक्षिकाओं एवं अन्य व्यक्तियों के लिए गौरव का दिन है। कोरोना संकट की वजह से स्कूल कॉलेज बन्द है, लेकिन पढ़ाई डिजिटल प्लेटफॉर्म पर ही हो रही है। अतः विद्यार्थियों द्वारा डिजिटल माध्यम से ही अपने शिक्षकों बधाई संदेश भेजे जा रहे है। रतलाम के शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय के चिकित्सक शिक्षक जो इस समय कोरोना पॉजिटिव मरीजों को स्वस्थ करने में प्रयत्नशील है, उन्हें भी शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं प्रेषित है। कोविड के पूर्व इस महाविद्यालय में शिक्षण कार्य चल रहा था। महामारी के आने के पश्चात यहाँ जिले का कोविड हॉस्पिटल शुरू किया गया। जहाँ पर दिनों दिन नई चिकित्सा सुविधाएँ जुड़ रही है। कोरोना संकट में तथा आने वाले दिनों में यह सुविधाएं क्षेत्रीय नागरिकों को लाभ देगी।


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