अवयस्‍क बालिका के साथ दुष्‍कर्म करने वाले आरोपी की जमानत निरस्‍त

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News by- नीरज बरमेचा 

अभियोजन मीडिया सेल प्रभारी शिव मनावरें ने बताया कि माननीय विशेष न्‍यायालय पॉक्‍सो एक्‍ट रतलाम (तरूण सिंह) द्वारा आरोपी नारायण पिता पप्‍पू उर्फ बापू कटारा उम्र20 वर्ष नि. पोनबट्टा थाना बाजनाजिला रतलाम का जमानत आवेदन पत्र निरस्‍त किया गया।

विशेष लोक अभियोजक (पाक्‍सो एक्‍ट) गौतम परमार ने बताया कि दिनांक 23.07.2020 को अवयस्‍क अभियोक्‍त्री ने अपने माता-पिता के साथथाना रावटी पर उपस्थित होकर घटना बताई की दिनांक 24.06.2020 को वह अपने घर के बाहर बैठी थी तभी परिचित नारायण कटारा मोटर साइकल लेकर आया और उसने मेरे माता-पिता के बारे में पूछा की वह कहां गये है तो उसने कहा गांव में गये है तब अभियुक्‍त नारायण ने उससे कहा कि मुझे तेरे माता-पिता से मिलनाहै उनके पास ले चल तो वह उसकी को मोटर साइकल पर बैठ गयी तब नारायण उसे गांव में न ले जाते हुए जबरजस्‍ती स्‍वंय अपने गांव ले गया और उसे अपने घर में बंद करके रखा तथा रोज अभियोक्‍त्री के साथ जबरजस्‍ती उसकी मर्जी के विना दुष्‍कर्म करता रहा। पीडिता के मना करने पर वह उसे जान से मारने की धमकी देता था। दिनांक 22.07.2020 को नारायण कहीं चला गया था तो अभियोक्‍त्री मौका देख कर वहां से भागकर शाम को अपने घर आ गयी तथा अपने माता-पिता को सारी बात बताई व उन्‍हें साथ लेकर अगले दिन दिनांक 23.07.2020 को थाने रावटी पर रिपोर्ट करने आयी।

थाना रावटी पर अभियोक्‍त्री द्वारा बतायी घटना पर से आरोपी के विरूद्ध प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान दिनांक 24.07.2020 को आरोपी नारायण पिता पप्‍पूउर्फ बापू कटारा को गिरफ्तार किया जाकर आवश्‍यक कार्यवाही उपरांत उसी दिन माननीय न्‍यायालय में पेश किया गया, जहां से आरोपी का जेल वारंट बना कर उपजेल सैलाना दाखिल किया गया।

विवेचना उपरांत दिनांक 18.09.2020 को अभियुक्‍त नारायण कटारा के विरूद्ध अभियोग पत्र माननीय विशेष न्‍यायालय में प्रस्‍तुत किया गया।

अभियुक्‍त नारायण की ओर से उनके अधिवक्‍ता द्वारा जमानत आवेदन पेश करने पर दिनांक 22.09.2020 को माननीय विशेष न्‍यायालय में सुनवायी हुई जिसमें अभियोजन की ओर से विशेष लोक अभियोजक गौतम परमार द्वारा जमानत आवेदन पत्र का विरोध कर तर्क प्रस्तुत किये गये। माननीय विशेष न्‍यायालय द्वारा अभियोजन के तर्को व अवयस्‍क बालिकाओ के साथ दुष्‍कर्म एवं लैंगिक हमलो की बढती हुई घटनाओ तथा प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए अभियुक्‍त को जमानत पर छोडा जाना उचित नही मानते हुए जमानत आवेदन निरस्‍त किया गया।