संभागायुक्त ने संभाग के सभी जिलों के कलेक्टर्स को तंबाकू नियंत्रण कानून के परिपालन के सम्बन्ध में निर्देश दिये

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News by- नीरज बरमेचा

रतलाम 30 सितम्बर 2020/ संभागायुक्त आनन्द कुमार शर्मा ने उज्जैन संभाग के सभी जिलों के कलेक्टर्स, समस्त आयुक्त नगर पालिक निगम, सभी मुख्य नगर पालिका अधिकारी और समस्त सीईओ जिला पंचायत को जिला स्तरीय तंबाकू नियंत्रण समिति की नियमित बैठक और तंबाकू नियंत्रण कानून की धारा-4, 5, 6 और 7 के परिपालन के सम्बन्ध में आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किये हैं।

उल्लेखनीय है कि भारत में 12 से 13 लाख लोगों की मृत्यु तंबाकू सेवन से होने वाली बीमारियों के कारण होती है। भारत सरकार ने नागरिकों को तंबाकू आपदा से बचाने के लिये सिगरेट व अन्य तंबाकू उत्पाद (विज्ञापन का प्रतिषेध और व्यापार तथा वाणिज्य उत्पादन प्रदाय और वितरण का विनियमन) अधिनियम-2003 बनाया है। इस अधिनियम की धारा-4 के अन्तर्गत सार्वजनिक स्थानों पर धुम्रपान निषेध, धारा-5 के अन्तर्गत तंबाकू उत्पादों के विज्ञापन, प्रचार-प्रसार पर प्रतिबंध, धारा-6 अ के तहत नाबालिकों को/के द्वारा तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध, धारा-6ब के अन्तर्गत शैक्षणिक स्थानों के सौ गज (300 फीट) के दायरे में तंबाकू उत्पादों की दुकानों पर प्रतिबंध और धारा-7 के तहत तंबाकू उत्पादों के 85 प्रतिशत हिस्से पर चित्रात्मक स्वास्थ्य चेतावनी अनिवार्य की गई है।

संभागायुक्त ने उक्त अधिनियम के सन्दर्भ में समस्त अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि जिला स्तर पर गठित तंबाकू नियंत्रण समिति की बैठक शीघ्र आयोजित करें और उसमें जिले में तंबाकू नियंत्रण कानून के प्रतिपालन की समीक्षा हो। जिला स्तर पर तंबाकू नियंत्रण कानून के प्रवर्तन के लिये प्रवर्तन दल का गठन जिला और विकास खण्ड स्तर पर किया जाये। जिले में तंबाकू नियंत्रण कानून की धारा-4, 5, 6 व 7 का प्रभावी क्रियान्वयन किया जाये और नियमित अन्तराल पर मुहिम चलाकर धारा-4, 5, 6 व 7 के अन्तर्गत चालानी कार्यवाही/अर्थदण्ड किया जाये।

संभागायुक्त ने समस्त कलेक्टर्स को निर्देश दिये हैं कि वे जिला स्वास्थ्य समिति की समीक्षा बैठक के दौरान सुनिश्चित करें कि नोडल अधिकारी/सीएमएचओ तंबाकू नियंत्रण की गतिविधियों को प्रस्तुत करें। जिला प्रशासन स्तर से एसडीएम/डिप्टी कलेक्टर को तंबाकू नियंत्रण के लिये नोडल अधिकारी नामांकित किया जाये। नगर निगम/नगर पालिका में तंबाकू नियंत्रण के लिये प्रशासनिक स्तर के अधिकारी को नोडल अधिकारी नामांकित किया जाये और झोन में झोनल अधिकारी को उनके क्षेत्र का नोडल अधिकारी नामांकित किया जाये। संभागायुक्त ने निर्देश दिये हैं कि समस्त कलेक्टर्स सुनिश्चित करें कि जिले में कोई भी तंबाकू उत्पाद की दुकान बिना लायसेंस के संचालित नहीं की जाये। इसके लिये सभी तंबाकू उत्पाद की दुकानों को लायसेंस दिया जाये और लायसेंस की शर्तों में तंबाकू नियंत्रण की धारा-5, 6 और 7 का पूर्ण रूप से पालन करने की शर्त रखी जाये। यह सुनिश्चित किया जाये कि किराने की दुकान व अन्य दुकानों से तंबाकू उत्पाद न बेचे जायें और तंबाकू उत्पाद की दुकानों से अन्य सामान जैसे चॉकलेट, कैंडी आदि न बेचे जायें।

संभागायुक्त ने निर्देश दिये हैं कि सम्बन्धित नगर निगम/पालिका/स्मार्ट सिटी/पंचायत को भारतीय तंबाकू नियंत्रण कानून की धारा-4, 5, 6 व 7 सम्मत बनाया जाये। संभागायुक्त ने समस्त कलेक्टर्स से कहा है कि बच्चों, युवाओं और आम जनता को तंबाकू आपदा से बचाने के लिये जिला प्रशासन की भूमिका अत्यन्त महत्वपूर्ण है, अत: कानून के प्रभावी प्रवर्तन से कलेक्टर्स उनके जिले में तंबाकू आपदा से नागरिकों को बचा सकते हैं और संभाग को तंबाकूमुक्त करने में अपना योगदान दे सकते हैं।