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कटारिया प्लास्टिक की आग ने उजागर की प्रशासन की पोल, भविष्य में बड़े हादसे पर आ सकती है बड़ी समस्या…

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News by – विवेक चौधरी

रतलाम शुक्रवार 25 अगस्त 23। गुरुवार की सुबह रतलाम शहर से लगे हुए औद्योगिक क्षेत्र के प्लास्टिक उत्पाद निर्माता कटारिया प्लास्टिक में भीषण आग लगी। इस आग ने प्रशासन द्वारा की जा रही लापरवाहियों के कई पहलुओं को उजागर किया। सबसे बड़ा दुर्भाग्य तो यह रहा कि घटना का कवरेज करने गए एक पत्रकार के साथ दुर्व्यवहार किया गया और मोबाइल छीन लिया गया। आरोप यह भी है कि पत्रकार द्वारा अपने पत्रकार होने की जानकारी देने के बावजूद भी उसके साथ धक्का मुक्की और गाली गलौज की गई। सूत्रों की मानें तो घटनास्थल पर गए पुलिस वालों को भी बाहर खड़े रहना पड़ा। पूरी घटनाक्रम में यह प्रतीत हुआ कि पुलिस प्रशासन धन्नासेठों के दबाव में था। घटना की जानकारी लगने पर पत्रकारगण लामबंद हुए तो जिम्मेदारों को पसीने आ गए और मामले को रफ़ा दफ़ा करने की जुगाड़ होने लगी। हालांकि बाद में पत्रकार को उसका मोबाइल वापस दिलाया गया और घटना के जिम्मेदार एक अधिकारी के विरुद्ध मामला भी दर्ज किया गया। थाना औद्योगिक क्षेत्र के प्रभारी राजेन्द्र वर्मा ने बताया कि कटारिया प्लास्टिक के अधिकारी के विरूद्ध एनसीआर की धारा 323 एवं 504 के तहत कायमी और प्रतिबंधात्मक कार्यवाही की गई है। तहसील न्यायालय से उन्हें बॉण्ड ओवर कराया गया है।

जिम्मेदारों की बड़ी अनदेखी

औद्योगिक क्षेत्र स्थित कटारिया प्लास्टिक की आग ने जिम्मेदारों की लापरवाही को उजागर किया है। बताया जा रहा है कि आग इतनी भयावह थी कि अनेकों फायर लॉरियों के माध्यम से आग पर बामुश्किल काबू किया गया। उल्लेखनीय है कि फैक्टरियों में फायर एंड सेफ्टी ऑडिट एवं अन्य सुरक्षा व्यवस्था के अनदेखी होने के आरोप लगते रहते है। ऐसे में एक और आगजनी चिंतनीय घटना है। औद्योगिक क्षेत्र के रोड की बदहाली कोई नया विषय नहीं है। ऊपर से रोड पर बड़े व्यापारिक संस्थानों के भारी वाहन खड़े होकर रास्ता जाम कर देते है। जिससे फायर लॉरी अथवा एम्बुलेंस इत्यादि के गुजरने और उचित समय पर मौके पर पहुँचने में बाधा हो सकती है। बार बार संज्ञान में लाये जाने के बाद भी ना तो रोड सुधरी और ना ही खराब रोड को घेरकर खड़े होनेवाले भारी वाहन हटाये जाते है। शायद प्रशासन बड़ी दुर्घटना की प्रतीक्षा में है। जिसके बाद ही कार्यवाही हो सकेगी।

लामबंद हुए पत्रकार तो सजग हुआ प्रशासन

पत्रकार को कवरेज से रोकने पर मामले के बीमा क्लैम से जुड़ा होने की भी अटकलें लगाई जा रही है। बहरहाल गहराई से विवेचना करने पर ही इसकी जानकारी स्पष्ट हो सकती है। आगजनी की घटना का कवरेज करने गए पत्रकार के साथ बदसलूकी के बाद प्रशासन दबाव में नज़र आया। यदि रतलाम प्रेस क्लब के पदाधिकारीगण एवं सदस्यगण सक्रिय ना होते तो मामला ठंडे बस्ते में ही चला जाता। लामबंद पत्रकार पुलिस अधीक्षक राहुल कुमार लोढ़ा से मिले और स्थिति से अवगत कराकर अपना रोष जताया। पुलिस अधीक्षक ने मामले को समझते ही उचित कार्यवाही का आश्वासन देकर मामला दर्ज करवाया। पत्रकार समाज का आईना होता है और वो घटनाओं की मौके पर कवरेज तथा छानबीन करके सबके सामने सच्चाई लाता है। ऐसे में उसके कार्य मे बाधा उत्पन्न करना एक तरह से लोकतंत्र के चौथे स्तंभ का अपमान माना जाता है। उम्मीद है कि पुलिस इस आगजनी और दुर्व्यवहार की निष्पक्ष जाँच कर सच्चाई सामने लाएगी। मामला शहर के नामीगिरामी और धन्ना सेठ माने जाने वाले परिवार के व्यापारिक संस्थान से जुड़ा होने से बाहरी दबाव इत्यादि की संभावनाओं को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।

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